(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Pragya Thakur Controversial Statement: कैसे बीजेपी की मुश्किलें बढ़ा रहीं प्रज्ञा ठाकुर, जानें कब-कब दिए विवादित बयान
बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के लिए न तो विवादित बयान देना कोई नई बात है न ही बयानों की वजह से मुश्किलों में फंसना. अहम बात यह है कि उनके बयानों से अब बीजेपी (BJP) विपक्ष के निशाने पर आने लगी है.
BJP MP Sadhvi Pragya Thakur News: एमपी की राजधानी भोपाल से बीजेपी (BJP) सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर (Sadhvi Pragya Singh Thakur) अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में आती रहती हैं. एक बार फिर वह अपने विवादित बयानों को लेकर मुसीबत में फंसती दिख रही हैं. दरअसल, कर्नाटक पुलिस ने शिवमोगा में उनके खिलाफ FIR दर्ज किया गया है. वहां की पुलिस ने उनपर भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाया है. हालांकि, विवादित बयानों के लिए लोगों की नजरों में आना उनके लिए कोई नहीं बात नहीं है. आइए, हम आपको बताते हैं, उन्होंने कब-कब विवादित बयान दिए हैं.
1. मालेगांव ब्लास्ट के शहीद हेमंत करकरे का दिया था श्राप
साल 2008 के मालेगांव ब्लास्ट केस की आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने बीजेपी से टिकट नहीं मिलने के बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से जो बयान दिया, वह विवादित हो गया. साध्वी ने मुंबई में 26/11 के आतंकवादी हमले में शहीद पुलिस अधिकारी हेमंत करकरे को लेकर ये बयान दिया था. साध्वी ने कहा था कि उन्होंने करकरे को श्राप दिया था, जिसके कारण करकरे की आतंकवादी हमले में मौत हो गई.अपने इस बयान पर साध्वी ने बाद में माफी मांग ली थी.
2. कबूली थी बाबरी ढांचे को ढहाने में शामिल होने की बात
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने करकरे के खिलाफ बयान देने के बाद बाबरी ढांचे को ढहाने में शामिल होने का बयान देकर सबको चौंका दिया. प्रज्ञा ने एक टीवी चैनल से कहा था कि बाबरी मस्जिद का ढांचा गिराने का अफसोस नहीं है, ढांचा गिराने पर तो हम गर्व करते हैं. हमारे प्रभु रामजी के मंदिर पर अपशिष्ट पदार्थ थे, उनको हमने हटा दिया. उनके बयान पर मचे शोर के बाद बीजेपी ने प्रज्ञा को चुप रहने तक की सलाह दी थी. पार्टी ने साध्वी को अनुशासित रहने को कहा और चुनाव आयोग ने 72 घंटे के लिए प्रचार पर प्रतिबंध लगा दिया था.
3. जब गोडसे को देशभक्त बता बुरी फंसी
लोकसभा चुनाव 2019 के अंतिम चरण से पहले प्रचार के दौरान अभिनेता से नेता बने मक्कल नीधि मय्यम के संस्थापक कमल हासन के ‘देश का पहला आतंकी हिंदू था’ वाले बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए साध्वी प्रज्ञा ने नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताया था. उन्होंने कहा था - गोडसे देशभक्त थे, हैं और रहेंगे. गोडसे को आतंकवादी कहने वाले स्वयं के गिरेबां में झांककर देखें…चुनाव में ऐसे लोगों को जवाब दे दिया जाएगा. उनके इस बयान पर कुछ ही देर बाद पार्टी ने किनारा कर लिया और कड़ी निंदा करते हुए उन्हें सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने की हिदायत दे डाली थी.
4. दिग्विजय सिंह को बता चुकी हैं 'आतंकवादी'
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कांग्रेस के उम्मीदवार और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को आतंकवादी बताने वाला बयान दिया था. उन्होंने यह बयान सीहोर में चुनाव प्रचार कार्यालय का उद्घाटन करते हुए दिया था?. उन्होंने कहा था कि राज्य में 16 साल पहले उमा दीदी ने उन्हें हराया था. वह 16 साल मुंह नहीं उठा पाया और राजनीति कर लेता, इसकी कोशिश नहीं कर पाया. अब फिर से सिर उठा है तो दूसरी संन्यासी सामने आ गई है जो उसके कर्मों का प्रत्यक्ष प्रमाण है. एक बार फिर ऐसे आतंकी का समापन करने के लिए संन्यासी को खड़ा होना पड़ा है.
5. महात्मा गांधी को 'राष्ट्रपुत्र' बताया
लोकसभा चुनाव जीतने के बाद अक्टूबर में बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने एक और विवादित बयान दिया था. इस बार उन्होंने अपने बयान में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को राष्ट्रपुत्र बताया. साध्वी ने कहा है कि महात्मा गांधी राष्ट्रपुत्र हैं और हमारे लिए आदरणीय हैं.
6. 'शूद्र को शूद्र कह दो तो बुरा मान जाते हैं'
इसी तरह साध्वी प्रज्ञा ने मध्य प्रदेश के सीहोर में एक कार्यक्रम के दौरान धर्मशास्त्र का हवाला देते हुए कहा कि जब हम किसी क्षत्रिय को क्षत्रिय कहते हैं तो उसे बुरा नहीं लगता है. यदि हम किसी ब्राह्मण को ब्राह्मण कहते हैं तो उसे बुरा नहीं लगता है. यदि हम किसी वैश्य को वैश्य कहते हैं तो उसे बुरा नहीं लगता है, लेकिन यदि हम किसी शुद्र को शुद्र कहते हैं तो वह बुरा मान जाता है. कारण क्या है? क्योंकि वे बात को समझते नहीं हैं.
7. 'अपने घरों में हथियार रखो'
हाल ही में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर (Sadhvi Pragya Singh Thakur) ने कर्नाटक के शिमोगा में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था - "अपने घरों में हथियार रखो और कुछ नहीं तो सब्जी काटने वाला चाकू जरा तेज रखो, स्पष्ट बोल रही हूं कि हमारे घरों में भी सब्जी काटने के लिए हथियार तेज होना चाहिए. .....ता नहीं कब कैसा मौका आए. धारदार... पता नहीं क्या स्थिति पैदा हो जाए. अगर हमारी सब्जी अच्छे से कटेगी तो हमारे दुश्मनों के सिर भी अच्छे से कटेंगे." इस मामले में शिवमोगा पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर उनके सामने मुश्किलें खड़ी कर दी है.