Bhopal News: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया 'उत्कर्ष' और ' उन्मेष' का उद्घाटन, सीएम शिवराज ने एमपी को बताया कलाकारों की जमीन
MP News: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा हमारे देश में मूलभूत एकता है. उन्मेष और उत्कर्ष के रूप में हमारे कलाकार कुछ बेहतर लेकर आते हैं. ऐसे आयोजन सारी दुनिया को इकट्ठा करने का काम करते हैं.
Bhopal News: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भोपाल में आज से शुरू हुुुए 'उत्कर्ष' और 'उन्मेष ' का शुभारंभ किया. भोपाल के राजा भोज एयरपोर्ट पहुंचने पर राज्यपाल मंगूभाई पटेल और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनक आगवानी की. इन दोनों कार्यक्रमों में से 'उत्कर्ष' का आयोजन संगीत नाटक अकादमी और 'उन्मेष'का आयोजन साहित्य अकादमी ने किया है.इसमें मध्य प्रदेश का संस्कृति विभाग भी सहयोग कर रहा है. ये दोनों आयोजन पांच अगस्त तक चलेंगे. 'उत्कर्ष और उन्मेष'में तीन से पांच अगस्त तक कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 800 कलाकार भाग लेंगे.
'उत्कर्ष और उन्मेष' का उद्घाटन
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भोपाल के रविंद्र भवन में आयोजित हो रहे 'उत्कर्ष और उन्मेष' कार्यक्रम का दीप प्रज्जवलित कर शुभारंभ किया. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने शॉल भेंट कर राष्ट्रपति मुर्मू का स्वागत किया.
कलाकारों और साहित्यकारों की भूमि मध्य प्रदेश
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा,''हमारे देश में मूलभूत एकता है. उन्मेष और उत्कर्ष के रूप में हमारे कलाकार कुछ बेहतर लेकर आते हैं. ऐसे आयोजन सारी दुनिया को इकट्ठा करने का काम करते हैं. मध्य प्रदेश कला और संगीत की स्थली रही है. ये साहित्यकारों और कलाकारों की प्रिय भूमि रही है. राजशेखर, भृर्तहरि, कालिदास, बिहारी जैसे रत्न हुए हैं. इनका नाम लेकर मैं गर्व महसूस कर रहा हूं. लता मंगेशकर और किशोर कुमार जैसे कलाकार भी इस धरती से हैं. अटल बिहारी वाजपेयी की भी कर्मस्थली ये रही है. साहित्य, कला और संगीत में वो ताकत है कि पूरी दुनिया को एक रख सके.
भारत और सभ्यता का विकास
शिवराज ने कहा कि संपूर्ण देश का साहित्य जगत यहां विविधता के साथ उपस्थित है. मैं सभी का स्वागत करता हूं.भारत प्राचीन देश है. दुनिया के विकसित देशों में जब सभ्यता का सूर्योदय नहीं हुआ था, तब हमारे देश में वेदों की रचना हो चुकी थी. ये वो धरती है जिसने समस्त विश्व को वसुधैव कुटुंबकम का संदेश दिया. यहां का बच्चा-बच्चा सबके मंगल की कामना करता है. मनुष्य को संपूर्ण रूप से सुखी करना है तो मन, बुद्धि और आत्मा का सुख भी चाहिए. मन, बुद्धि और आत्मा का सुख साहित्य, कला और संगीत देता है.
उन्मेष उत्सव एशिया का सबसे बड़ा साहित्यिक सम्मेलन है. इसका आयोजन आजादी के अमृत महोत्सव के तहत किया जा रहा है. उन्मेष का पहला संस्करण हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में किया गया था, वहीं दूसरा संस्करण मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में किया जा रहा है.
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