Project Cheetah: भारत में 70 साल बाद चीतों की वापसी हो रही है. संयोग से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर चीते भारत उतरेंगे. नामीबिया से आठ चीतों को लेकर विशेष मालवाहक विमान शुक्रवार रात ग्वालियर के लिए रवाना हो गया. मध्य प्रदेश वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी है. आठ अफ्रीकी चीतों में पांच मादा और तीन नर हैं. सभी चीतों की उम्र 4-6 साल की है. मध्य प्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) जे एस चौहान ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि आठ चीतों और चालक दल के सदस्यों को लेकर विशेष उड़ान नामीबिया की राजधानी विंडहोक से आज लगभग 8.30 बजे (भारतीय समय अनुसार) रवाना हो गई.
चीतों को लेकर विशेष विमान ग्वालियर के लिए रवाना
8,000 किलोमीटर की दूरी तय कर विशेष विमान शनिवार सुबह लगभग छह बजे ग्वालियर के महाराजपुर एयर बेस पर उतरेगा. उन्होंने कहा कि ग्वालियर में औपचारिकता पूरी करने के बाद चीतों को एक चिनूक सहित दो हेलीकॉप्टरों में श्योपुर जिले के पालपुर गांव भेजा जाएगा. चौहान ने कहा कि पालपुर गांव से चीतों को सड़क मार्ग से कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) लाया जाएगा और बाद में चीतों को विशेष बाड़ों में छोड़ा जाएगा. आठ चीतों को लकड़ी के बॉक्स में लाया जा रहा है.
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पीएम मोदी पहला चीता क्वारंटीन नंबर वन पर छोड़ेंगे
लकड़ी के बॉक्स में हवा का ध्यान रखा गया है. भारत में चीता का प्राचीन इतिहास है. माना जाता है कि 'चीता' शब्द संस्कृत से लिया गया है. चीते को सबसे तेज दौड़ने वाला जानवर माना जाता है. 100-200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चीता दौड़ सकता है. कल का दिन भारत के लिए अहम रहनेवाला है. है. मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में अफ्रीकी चीतों को छोड़ दिया जाएगा. कूनो नेशनल पार्क चीतों के लिए उपयुक्त जगह है. प्रोजेक्ट चीता के प्रमुख एसपी यादव ने बताया कि क्वारंटीन नंबर वन पर प्रधानमंत्री मोदी पहला चीता छोड़ेंगे.