MP News: प्रोजेक्ट इंजीनियर जनार्दन सिंह सस्पेंड, गृह विभाग ने पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन के एमडी से पूछे ये सवाल
Bhopal News: यह मामला कॉर्पोरेशन की पूर्व इंजीनियर हेमा मीणा की आय से अधिक संपत्ति मामले में जुड़ा है. लोकायुक्त की कार्रवाई में हेमा मीणा के पास 232 गुना संपत्ति सामने आई थी.उसे बर्खास्त किया गया है.
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Bhopal News: मध्य प्रदेश पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन (Police Housing Corporation of Madhya Pradesh) के प्रोजेक्ट इंजीनियर जनार्दन सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है. वो मूल रूप से लोक निर्माण विभाग (PWD) में असिस्टेंट इंजीनियर हैं. वो पिछले 20 साल से पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन में प्रतिनियुक्ति पर हैं.उनके निलंबन का कारण हेमा मीणा का सही तरीके से पर्यवेक्षण नहीं किया जाना बताया गया है.उन्हें असिस्टेंट इंजीनियर हेमा मीणा का मददगार भी बताया जा रहा है. यह मामला कॉर्पोरेशन की पूर्व इंजीनियर हेमा मीणा (Hema Meena) की आय से अधिक संपत्ति मामले में जुड़ा है. लोकायुक्त की कार्रवाई में हेमा मीणा के पास 232 गुना संपत्ति सामने आई थी.उसे पहले ही बर्खास्त किया जा चुका है.
दो बार इस्तीफा दे चुकी है हेमा मीणा
जांच में पता चला है कि हेमा ने पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन में दो बार नौकरी से इस्तीफा दिया.इसके बाद किस आधार पर उसकी नियुक्ति हुई? किस अधिकारी ने उसकी सिफारिश की? कौन से नियम बताए गए? गृह विभाग ने ये सवाल कॉर्पोरेशन के एमडी से पूछे हैं. निलंबित कर जनार्दन को पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन मुख्यालय में अटैच किया गया है. जनार्दन के निलंबन के बाद अगले 45 दिन में पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन को चार्जशीट दाखिल करनी होगी.ऐसा न होने पर वह अपने आप बहाल हो जाएगा.
गृह विभाग ने पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन से कई सवाल भी पूछे हैं. इनमें शामिल है, अफसरों और कर्मचारियों के कार्यों पर सीनियर अफसरों के सुपरविजन की क्या व्यवस्था है? प्रतिनियुक्ति पर कौन-कितने वर्ष से है? किसके कहने पर इन्हें पदस्थ किया गया है? जिनकी प्रतिनियुक्ति अवधि समाप्त हो गई है, उन्हें अब तक कार्यमुक्त क्यों नहीं किया गया है? कौन-कौन से इंजीनियर संविदा पर हैं और कब से हैं? हेमा की नियुक्ति किस अधिकारी ने की? हेमा दो बार कॉर्पोरेशन से इस्तीफा देने दे चुकी थीं. दोबारा उसे संविदा पर किस नियम के तहत रखा गया और किस अधिकारी ने ऐसा किया?
जाति प्रमाण पत्र पर भी है संदेह
लोक निर्माण विभाग ने पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन के एमडी को पत्र लिखकर जनार्दन के जाति प्रमाण-पत्र की जांच के लिए दस्तावेज मांगे थे. विभाग ने कहा था कि उच्च स्तरीय छानबीन समिति इसकी जांच कर रही है. उन्होंने अनुसूचित जाति विकास आयुक्त को जाति प्रमाण-पत्र की जो फोटोकॉपी दी है,वह पर्याप्त नहीं है. उनके दस्तावेज में पैतृक निवास आगरा यूपी लिखा है,जबकि अनुसूचित जाति का लाभ लेने 1950 से मप्र का निवास प्रमाण-पत्र होना चाहिए.
हेमा मीणा पहली बार एक जनवरी 2011 को पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन में नियुक्ति हुई थी. उसने 31 मई 2011 को इस्तीफा दे दिया था. दूसरी बार उसे 22 फरवरी 2013 को फिर भोपाल संभाग में नियुक्त किया गया. इसके बाद सात जुलाई 2015 को उसने फिर से इस्तीफा दे दिया. लेकिन उसे तीसरी बार 24 नवंबर 2016 को सागर संभाग में नियुक्त कर दिया गया. संविदा सहायक यंत्री का प्रभार उसे 2017 में दिया गया.
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