Ujjain News: प्रॉपर्टी टैक्स जमा नहीं करने वालों की नीलाम होगी संपत्ति, वसूली में प्रदेश में टॉप पर है उज्जैन नगर निगम
MP News: उज्जैन में एक लाख 29 हजार संपत्ति करदात हैं.ये लोग उज्जैन नगर निगम को संपत्ति का टैक्स जमा करते हैं.पिछले साल की तुलना में इस बार 30 फीसदी से अधिक प्रॉपर्टी टैक्स की राशि में बढ़ोतरी हुई है.
Property Tax in Ujjain: चुनावी साल में प्रॉपर्टी टैक्स (Property Tax) को लेकर उज्जैन नगर निगम ने एक बड़ा फैसला लिया है. इसके मुताबिक जो लोग जानबूझकर प्रॉपर्टी टैक्स जमा नहीं कर रहे हैं, उनसे दोगुना संपत्ति कर की राशि वसूली जाएगी. अगर इन लोगों ने राशि जमा नहीं की तो उनकी संपत्ति को नीलाम किया जाएगा. प्रॉपर्टी टैक्स वसूलने में उज्जैन नगर निगम मध्य प्रदेश में पहले पायदान पर आया है.
उज्जैन में 1,29,000 संपत्ति करदाता
नगर निगम की आय का प्रमुख स्रोत संपत्ति कर होता है.इसी के चलते मध्य प्रदेश की सभी नगर निगम में संपत्ति कर को लेकर हर साल काफी प्रयास किए जाते हैं. प्रदेश की धर्म नगरी उज्जैन में संपत्ति कर वसूलने के मामले में पहला स्थान हासिल किया है.पिछले वर्ष उज्जैन में नगर निगम में 28 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि संपत्ति कर के रूप में वसूली थी.इस बार यह आंकड़ा 38 करोड़ से ऊपर निकल गया है.
नगर निगम आयुक्त रोशन सिंह ने बताया कि संपत्ति कर नगर निगम की मुख्य आय का स्रोत है,इसलिए इस बार कर्मचारियों और अधिकारियों को विशेष रूप से लोगों तक पहुंच कर संपत्ति कर वसूलने के निर्देश दिए गए थे.इसी का परिणाम है कि प्रॉपर्टी टैक्स वसूलने के मामले में उज्जैन नगर निगम प्रदेश में पहले नंबर पर आया है. निगम आयुक्त के मुताबिक जो लोग 31 मार्च तक संपत्ति का कार नहीं भर पाए हैं, उन्हें अब अधिक राशि जमा कराना होगी. इसके अलावा यदि कोई राशि जमा नहीं कराएगा तो उनकी संपत्ति नीलाम की जाएगी.
शहरी क्षेत्र की सड़कों की होगी मरम्मत
उज्जैन में संपत्ति करदात की संख्या एक लाख 29 हजार के आसपास है. ये लोग उज्जैन नगर निगम को संपत्ति का टैक्स जमा करते हैं.पिछले साल की तुलना में इस बार 30 फीसदी से अधिक प्रॉपर्टी टैक्स की राशि में बढ़ोतरी हुई है.महापौर मुकेश टटवाल के मुताबिक प्रॉपर्टी टैक्स की वसूली को लेकर जमकर प्रचार प्रसार किया गया था.इसके अलावा लोगों ने नगर निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों की समझाइश को मानते हुए भी समय पर टैक्स भरा है.लोगों के सहयोगात्मक रवैये की वजह से टैक्स वसूलने के मामले में उज्जैन नगर निगम प्रदेश में पहले स्थान पर रहा.
महापौर मुकेश टटवाल के मुताबिक नगर निगम को जो भी आय होती है.उसे शहर के विकास में ही लगाया जाता है.संपत्ति कर से प्राप्त होने वाली आय को शहर की आंतरिक सड़कों के मरम्मत, स्वच्छता और अन्य मूलभूत सुविधाएं जुटाने में लगाया जाएगा.इससे आने वाले कुछ महीनों बाद शहर के लोगों को कई सुविधाएं मिलेंगी.
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