शाहरुख खान (Shahrukh Khan) की फिल्म 'पठान' (PATHAAN) को लेकर इन दिनों मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर (Indore) का माहौल गर्म है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अपील के बाद भी कई विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल (BAJRANG DAL) समेत कई संगठन इस फिल्म का इंदौर में विरोध कर रहे हैं. इस विरोध ने अब सांप्रदायिक रूप ले लिया है. इस विवाद में अब यह फिल्म काफी पीछे छूट गई है. विश्व हिंदू परिषद ने आज जुमे की नमाज के बाद इंदौर में सांप्रदायिक हिंसा भड़कने की आशंका जताई है. वहीं मुस्लिम संगठनों ने भी इस मामले में कार्रवाई की मांग की है. आइए समझते हैं कि पूरा मामला क्या है.
विश्व हिंदू परिषद की चेतावनी
विश्व हिंदू परिषद के मालवा प्रांत के मंत्री सोहन विश्वकर्मा ने गुरुवार को पत्रकारों से कहा था कि शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद मुस्लिम समुदाय उन्माद फैला सकता है. उन्होंने कहा कि हम प्रशासन को हम सचेत करना चाहते हैं और अगर ऐसा हुआ तो हम ईंट का जवाब पत्थर से देंगे. उन्होंने कहा कि इंदौर शहर की शांति में बाधा ना आए इसका संदेश सरकार और समाज को देना है.
इस विवाद की शुरुआत इंदौर के एक थियेटर के बाहर हिंदूवादी संगठनों के फिल्म 'पठान'के विरोध के दौरान हुई. फिल्म का विरोध करने के लिए जमा हुए. इस दौरान बजरंग दल के कार्यकर्ता तन्नू शर्मा और उनके साथियों ने पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ अपत्तिजनक नारे लगाए. इसका वीडियो भी वायरल हो गया. इसके बाद इस घटना के विरोध में मुसलमान सड़क पर आ गए. इसको लेकर कई जगह प्रदर्शन हुए. मुसलमानों ने इंदौर के चंदन नगर और छत्रीपुरा पुलिस थाने का घेराव किया. खबरों के मुताबिक इस दौरान 'सिर तन से जुदा' का नारा भी लगाया गया.
इंदौर पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने दोनों ही मामलों में केस दर्ज किया है. लेकिन अभी किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई. इससे लोगों में रोष बना हुआ है. इन आपत्तिजनक नारों ने पूरे देश में सवच्छता के मामले में नंबर एक स्थान रखने वाले इंदौर की फिजा बदलकर रख दी है. वह भी ऐसे समय में जब इसी साल प्रदेश में विधानसभा के चुनाव होने हैं.
बीजेपी प्रदेश की सत्ता पर कब्जा बनाए रखना चाहती है. इसके लिए वह पूरा जोर लगा रही है. वोटों के ध्रुवीकरण की कोशिश प्रदेश में लगातार की जा रही है. इसमें प्रदेश की दोनों प्रमुख राजनीतिक दल लगे हुए हैं. शाहरुख की फिल्म 'पठान'का सबसे पहले विरोध भी मध्य प्रदेश में ही शुरू हुआ था. प्रदेश के गृहमंत्री डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा ने ही सबसे पहले इसके एक गाने 'बेशर्म रंग' पर आपत्ति जताई थी. देखते ही देखते यह विरोध कई राज्यों में फैल गया. इस विरोध में बीजेपी नेताओं के साथ-साथ हिंदूवादी संगठन सबसे आगे रहे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील
'पठान' का विरोध इतना बढ़ा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इसमें हस्तक्षेप करना पड़ा. दिल्ली में हुई बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में उन्होंने फिल्मों के विरोध में संयम बरतने की अपील की. हालांकि इंदौर में उनकी अपील का असर होता हुआ दिखाई नहीं दिया. 'पठान' के विरोध में हिंदूवादी संगठन सबसे आगे रहे. इसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के नेता और कार्यकर्ता भी शामिल दिखे, हालांकि आधिकारिक तौर पर विहिप ने कहा है कि वो फिल्म का विरोध नहीं करेगा. लेकिन इंदौर में हुई घटनाएं उसकी इन बातों का समर्थन नहीं करती हैं.
इंदौर में फिल्म के विरोध में हुई नारेबाजी ने सांप्रदायिक रूप ले लिया. वहां दोनों पक्ष इसको लेकर आमने-सामने हैं. पुलिस भी बहुत संभल कर चलती हुई नजर आ रही है. उसे भी सख्त कदम उठाने की जरूरत है, क्योंकि उदयपुर में हुआ कन्हैयालाल हत्या कांड हमारे सामने है.अब चुनावी साल में इंदौर की आबोहवा में घुलती सांप्रदायिकता क्या रूप दिखाती है, यह तो आने वाला समय ही बताएगा.
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