Pune Porsche Accident: जबलपुर की रहने वाली थी पुणे पोर्शे कार एक्सीडेंट में जान गंवाने वाली इंजीनियर, घर पहुंचा शव
Pune Posh Car Accident: पुणे में हुए हिट एंड रन केस में जबलपुर की रहने वाली अश्विनी कोष्टा (25 वर्ष) की मौके पर ही मौत हो गई. अश्विनी के शव को सोमवार की शाम पुणे से जबलपुर लाया गया.
Porsche Car Accident Pune: महाराष्ट्र के पुणे शहर में हाई प्रोफाइल हिट एंड रन केस में जबलपुर की युवा सॉफ्टवेयर इंजीनियर की दर्दनाक मौत हो गई है. पुणे में हुए इस हादसे में जबलपुर के साकार हिल्स शक्ति नगर की रहने वाली अश्विनी कोष्टा (25 वर्ष) की मौके पर ही मौत हो गई. अश्विनी के शव को सोमवार (20 मई) की शाम पुणे से जबलपुर लाया गया.
जबलपुर के शक्ति नगर के समीप स्थित साकार हिल्स कॉलोनी में रहने वाले सुरेश कुमार कोष्टा बिजली विभाग में कार्यालय सहायक के पद पर पदस्थ हैं. इनका एक बेटा सम्प्रित बेंगलुरु में सॉफ्टवेयर इंजीनियर है तो दूसरी बेटी अश्विनी पिछले दो सालों से पुणे में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर जॉब कर रही थी.
अश्विनी कोष्टा के चाचा अयोध्या प्रसाद कोष्टा ने बताया कि अश्विनी इसके पहले अमेजॉन कंपनी में जॉब करती थी. एक साल पहले ही उसने स्विच करके जॉनसन कंट्रोल कंपनी में बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर ज्वाइन किया था. परिजनों को बताया गया कि पुणे में रविवार (19 मई) को तड़के अश्विनी अपने साथ काम करने वाले अनीश अवधिया के साथ मोटर साइकिल से रेस्टोरेंट से निकलकर अपने रूम पर जा रही थी.
पोर्शे कार ने मारी टक्कर
इसी बीच कल्याणी नगर के पास एक पोर्शे कार तेज रफ्तार से आते हुए मोटरसाइकिल को जोरदार टक्कर मारी. इस दर्दनाक हादसे में अश्विनी और उसके दोस्त अनीश की मौके पर ही मौत हो गई. करीब दो करोड़ रुपये की पोर्शे की स्पोर्ट्स कार वेदांत अग्रवाल नाम का 17 साल का नाबालिग चला रहा था. बताया जा रहा है कि वह पुणे के एक बड़े बिल्डर का बेटा है. हादसे के बाद वेदांत की पब्लिक ने जमकर पिटाई कर दी थी. इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया.
हालांकि, किशोर न्याय बोर्ड ने चंद घंटे में ही वेदांत को जमानत दे दी. अश्विनी के परिवार वाले वेदांत को तुरंत जमानत मिलने से हैरत में है. वो इसके खिलाफ आक्रोश भी जता रहे हैं. अश्विनी के मामा सचिन बोकडे का कहना है कि अश्विनी को इंसाफ दिलाने के लिए परिवार हर स्तर की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है. वहीं अश्विनी का शव सोमवार की शाम को पुणे से जैसे ही गृह नगर जबलपुर पहुंचा, तो परिवार वालों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया.