Indore Temple Accident: यहां के बेलेश्वर महादेव मंदिर में रामनवमी पर हुए हादसे में 36 लोगों की मौत हो गई. शुक्रवार को शहर में एक साथ कई लोगों की अर्थी उठी.यह दृष्य देखने वालों का कलेजा कांप गया. आंखें छलछला आईं.परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था. श्मशान घाट पर एक साथ इतनी अर्थियां पहुंच जाने से वहां जगह कम पड़ गई. वहां एक साथ कई-कई चिताएं जलीं. 


श्मशान में कम पड़ गई जगह


अंतिम संस्कार के दौरान एक साथ कई शव एक के बाद एक श्मशान घाट पहुंचे. वहां एक साथ कई लोगों का अंतिम संस्कार हुआ. इतने शव थे कि दगह ही कम पड़ गई. कुछ शवों को शेड के बाहर रखकर जलाना पड़ा. एक श्मशान घाट पर एक साथ इतने अधिक अंतिम संस्कार शायद कोरोना काल के बाद ही हो रहा था. हालत यह थी कि जब श्मशान घाट पर एक साथ कई चिताएं जलने लगीं तो उनकी गर्मी और आग की तपन की वजह से लोगों को वहां से दूर हटना पड़ा.


दरअसल इंदौर के पटेल नगर स्थित बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में गुरुवार सुबह बड़ा हादसा हो गया था. मंदिर की अंडरग्राउंड बावड़ी की छत पर बैठकर लोग हवन पूजन कर रहे थे.इस दौरान बावड़ी की छत धसक गई. इससे हवन-पूजन कर रहे लोग बावड़ी में गिर गए थे. इस हादसे में कुल 36 लोगों को मौत हो गई थी.जिस बावड़ी की छत पर बैठकर हवन-पूजन हो रहा था, वह पिछले 20 साल से बंद थी. पूर्णाहुति के दौरान सभी लोग एक साथ आहुतियां देने के लिए खड़े हुए थे. इसके बाद ही बावड़ी की छत धसक गई.


मुख्यमंत्री ने की आर्थिक सहायता की घोषणा


मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस पूरी घटना की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं.इसके साथ ही उन्होंने मृतकों के परिवार को पांच-पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता और घायलों को 50 हजार रुपये की मदद का ऐलान किया है.घायलों के इलाज का खर्च सरकार उठाएगी.पीएम राष्ट्रीय राहत कोष से भी मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये  की मदद देने की घोषणा हुई है.


इंदौर के कलेक्टर टी इलैयाराजा ने इस मामले की जांच अपर कलेक्टर को जांच की जिम्मेदारी सौंपी है.उन्हें 15 दिन में जांच पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं.जांच में यह जानने का प्रयास रहेगा कि लोगों की किन परिस्थितियों में मौत हुई है. 


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