Ujjain News: केंद्र और राज्य सरकार ने टैक्स कम कर पेट्रोल और डीजल के दामों में कटौती की है, जिससे पेट्रोल पंप संचालकों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. वहीं अब खबर मिल रही है कि पेट्रोल पंप पर संचालक अपना घाटा पूरा करने के लिए कम पेट्रोल और डीजल दे रहे हैं. क्या इस खबर की पूरी सच्चाई आइए जानते है....


एबीपी न्यूज़ ने हाल ही में पेट्रोल पंप संचालकों को हो रहे नुकसान की एक खोज परक रिपोर्ट बताई थी, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया था कि दीपावली के पहले केंद्र और राज्य सरकार ने जो अचानक सेंट्रल एक्साइज और वेट टैक्स कम किया है, उससे पेट्रोल पंप संचालकों को भारी नुकसान हुआ है. पेट्रोल पंप संचालकों ने दीपावली से पहले बड़ी मात्रा में पेट्रोल और डीजल स्टॉक कर लिया था, अचानक आई कीमतों में गिरावट के कारण प्रत्येक पेट्रोल संचालक को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है.


ये हो रहा है वायरल


तस्वीर में कुछ अधिकारी पेट्रोल पंप पर जांच करते हुए नजर आ रहे हैं. वहीं सोशल मीडिया पर ये बात तेजी से फैल रही है कि पेट्रोल पंप संचालक अपना घाटा पूरा करने के लिए उपभोक्ताओं को कम पेट्रोल और डीजल दे रहे हैं. उज्जैन में भी ऐसी ही खबर मिली थी. जिसके बाद अधिकारियों ने कई पेट्रोल पंपों पर छापेमारी की है.


ये है सच्चाई..


उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह को शिकायत मिली थी कि उज्जैन जिले की महिदपुर तहसील के भारत पेट्रोलियम कंपनी के पंप पर कम पेट्रोल और डीजल दिया जा रहा है. कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देश पर जिला नियंत्रक एम एल मारु ने नापतोल विभाग के साथ मिलकर पंप पर छापेमारी की.  मारू ने बताया कि शिकायत सही पाई गई है. पंप पर पेट्रोल और डीजल क्रमशः 18 और 15 एमएल प्रति 5 लीटर इंधन कम दिया जा रहा था.


पेट्रोल पंप किया गया सील


पेट्रोल और डीजल कम मिलने की शिकायत के बाद नापतोल विभाग ने प्रकरण बनाया है. नापतौल निरीक्षक दीपशिखा नागले की मौजूदगी में ये प्रकरण बनाया गया है. इसी बीच उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने स्पष्ट रूप से कहा है कि, अगर कहीं भी कम पेट्रोल और डीजल मिलने की शिकायत मिलेगी तो तत्काल जांच की जाएगी.


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