MP News: ट्रेनें चलाने के लिए लोगों ने रोकी कोयला ले जा रहीं रेल गाड़ियां, इतने साल से बंद हैं पैसेंजर गाड़ियां
MP News: इससे पहले लोगों ने कोरोना काल के बाद 2 साल से बंद पड़ी यात्री ट्रेनों के परिचालन को वापस चलाने और यात्री सुविधाओं के विस्तार के लिए रेल संघर्ष समिति बिजुरी ने बीते दिनों ज्ञापन सौंपा था.
MP News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के अनूपपुर (Anooppur) जिले के बिजुरी रेलवे स्टेशन (Bijuri Railway Station) में आंदोलनकारियों ने जमकर हंगामा किया. उन्होंने यहां कुछ देर के लिए ट्रेन से कोयला का परिवहन (Coal Transportation) रोक दिया. रेलवे पटरियों में बैठ कर आंदोलनकारियो ने रेल यातायात को बाधित किया. लोगों का कहना है कि पिछले 2 साल से अधिक समय से यहां पर कोई यात्री गाड़ी (Passenger Train) नहीं चल रही है. इससे आम लोगों में आक्रोश है.
रेल संघर्ष समिति की क्या है मांग
रेल संघर्ष समिति के बैनर तले बिजुरी नगर मे रेल रोको जनांदोलन शनिवार सुबह 10 बजे से शुरू हुआ. बिजुरी नगर के पीपल चौक से रैली निकालकर रेल प्रबंधन विरोधी नारे लगाते हुए हनुमान मंदिर चौक पर आम सभा की गई.
यहां बता दें कि 2020 से कोरोना संक्रमण के कारण यात्री ट्रेनों का परिचालन बंद कर दिया गया था. उसके बाद कोरोना संक्रमण की दर कम होने लगी लेकिन पूरी तरह से ट्रेनों का परिचालन शुरू नहीं किया गया. जो ट्रेनें अभी चल रही थीं, उन्हें भी रेलवे प्रशासन ने कराए जा रहे काम के कारण रद्द कर दिया है. ट्रेनों के लगातार कैंसिल होने से लोकल व्यापारियों, स्टूडेंट्स और अन्य लोगों को परेशानी हो रही है. कोरोना के बाद कोतमा-बिजुरी होकर कुछ ट्रेनों का परिचालन शुरू हुआ था, लेकिन उसे भी 37 दिनों के लिए बंद कर दिया गया था.
आंदोलन से पहले रेलवे प्रशासन को सौंपा था ज्ञापन
कोरोना काल के बाद से लगातार 2 साल से बंद पड़ी यात्री ट्रेनों के परिचालन को वापस चलाने और यात्री सुविधाओं के विस्तार के लिए रेल संघर्ष समिति बिजुरी ने बीते दिनों ज्ञापन सौंपा था. इसके साथ ही बिजुरी के क्षेत्रवासियों ने 7 दिनों में कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन की चेतावनी भी दी थी. मांग पूरी नहीं होने पर रेलवे संघर्ष समिति बिजुरी और बिजली के क्षेत्रवासियों ने आंदोलन किया. जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने आंदोलन को अपना समर्थन दिया.
यह भी पढ़ें