जबलपुर: रेलवे के जुझारू अधिकारियों और कर्मचारियों ने मुसीबत में फंसी एक महिला को जीवनदान देकर संवेदनशीलता का बेहतरीन उदाहरण पेश किया है. रेलवे अपने अधिकारियों -कर्मचारियों को और अधिक संवेदनशील और जवाबदेह बनाने में जुटा हुआ है. पिछले दो दिनों में रेलवे ने दो यात्रियों की मदद कर उन्हें जीवनदान दिया है. गुरुवार को ट्रेन में सफर कर रही एक कैंसर पीड़ि‍त महिला का जब आक्सीजन सिलेंडर की आक्सीजन खत्म हो गई तो जबलपुर में रेलवे ने बाजार से सिलेंडर खरीदकर उसे चलती ट्रेन में पहुचाया.  


कहां से कहां जा रही थी महिला


मिली जानकारी के अनुसार, जबलपुर से पाटलीपुत्र स्टेशन जा रही लोकमान्य तिलक-पाटलीपुत्र सुपरफास्ट ट्रेन (12141) के एसी टू टायर में सफर कर रही 42 साल की यात्री संचिता की सांसें उखड़ने लगीं. वह मुंबई से कैंसर का इलाज करा कर बिहार लौट रही थीं. परिजनों ने देखा तो पता चला कि उन्हें लगाई गई आक्सीजन खत्म हो गई है. इस दौरान ट्रेन कटनी स्टेशन के करीब थी. परिजनों ने ट्रेन के ट्रेन कंडक्टर से संपर्क कर सहायता की मांगी. कंडक्टर ने बर्थ नंबर 26 पर महिला की नाजुक स्थिति को देख कर तुरंत जबलपुर कंट्रोल रूम को अवगत कराया.


इसकी सूचना मिलने पर रेलवे महकमा तत्काल व्यवस्था करने में जुट गया. वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक विश्व रंजन ने सतना के स्टेशन मैनेजर वाणिज्य अवध गोपाल मिश्रा को निर्देशित किया कि गाड़ी के सतना पहुंचने तक नया आक्सीजन सिलेंडर व चिकित्सक के साथ कैंसर पीडि़ता को अटैंड किया जाए. इस निर्देश पर रेलवे के स्थानीय अधिकारी बाजार से आक्सीजन सिलेंडर खरीद कर रेलवे चिकित्सक के साथ पहुंचे. रेलवे के डॉक्टर एस सतीश ने महिला की जांच कर उन्हें आक्सीजन लगाया. रेलवे के इस प्रशंसनीय कार्य पर वातानुकूलित कोच के सभी यात्रियों ने रेलवे की सराहना की.


बीमार महिला के इलाज का उठाया था खर्च


इससे पहले जबलपुर में रेलवे ने दो दिन पहले ट्रेन में सफर के दौरान पानी की कमी से बीमार हुई एक महिला और उसके तीन बच्चों को एक निजी हॉस्पिटल में इलाज के लिए भर्ती कराया था. रेलवे ने इलाज पर आए खर्च को भी उठाया था. 


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