Madhya Pradesh News: भारत जोड़ो यात्रा को लेकर मध्य प्रदेश से निकल रहे राहुल गांधी आदिवासियों को देश का असली मालिक बता रहे हैं जबकि जमीनी हकीकत अब कुछ और ही होती जा रही है. कई जगहों पर आज भी उन्हें उनकी जगह से बेदखल कर भूमिहीन बनाया जा रहा हैं. ऐसा ही एक मामला अब मप्र के रायसेन (Raisen) जिले के गांव भरदा चांदोरा में सामने आया है, जहां स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत से आदिवासियों की जमीन हड़पने का काम किया जा रहा है. भोपाल के प्रभावशाली दबंग लोगों द्वारा ओने पौने दाम देकर गरीब हरिजन आदिवासियों के साथ षड्यंत्र कर उनकी जमीनों को हथियाने का खेल खुलेआम खेला जा रहा है. 


इस गांव में करीब 25 परिवारों की सैकड़ों एकड़ जमीन को इसी तरह बाहर के प्रभावशाली दबंगों द्वारा गलत तरीके से शासन के नियमों को ताक में रखते हुए हड़प लिया गया और जिला प्रशासन मूक दर्शक बना बैठा रहा. अब इन भू माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हो गये हैं कि यहा स्थित प्राचीन धार्मिक स्थान बड़ा महादेव शिव मंदिर के आसपास की जमीन पर लगे धार्मिक महत्व के सैकड़ों साल पुराने कई पेड़ काट दिए गए. इससे स्थानीय लोगों की आस्था को ठेस पहुंच रही है. 




डीएम ने भेजी टीम
सोशल मीडिया पर यह मामला वायरल होने के बाद रायसेन कलेक्टर अरविंद दुबे ने एडीएम रायसेन आदित्य रिछारिया के नेतृत्व में राजस्व एवं वन विभाग की संयुक्त टीम बनाकर मौके पर जांच के लिए भेजा. जांच दल ने बिना अनुमति के अवैध रूप से काटे गए प्राचीन पेड़ों के अवशेषों को जब्त कर मामले की जांच शुरू कर दी है. बीडीओ रायसेन ने ऑक्सीजन देने वाले इन पेड़ों की कार्बन मैपिंग कराकर इनके वैल्यू का आकलन कराने का आश्वासन दिया है जिसके बाद भू माफियाओं पर केस बनाकर जुर्माना लगाया जाएगा. वहीं आदिवासियों की जमीन दीगर समाज के लोगों ने कैसे खरीद ली इसकी भी जांच रायसेन कलेक्टर द्वारा कराई जा रही है. स्थानीय आदिवासी ग्रामीणों ने उनकी पैतृक जमीन उन्हें वापस दिलाने की मांग जिला प्रशासन से की है.


रायसेन जिला मुख्यालय से 18 किलोमीटर दूर ग्राम भरदा चन्दोरा में बिना अनुमति के दर्जनों पेड़ काट दिए गए हैं. यहां लगभग 200 साल पुराने पीपल और बरगद के पेड़ को भी काटा गया है. यहां कई साल पुराने नाले का भी रुख बदलने के लिए नाले के किनारे लगे पेड़ों को भी काटकर नाले में डाल दिया गया. जिला प्रशासन, राजस्व और वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई है. 




एडीएम ने क्या कहा
एडिशनल कलेक्टर आदित्य रिछारिया ने मौके का मुआयना करने के बाद बताया कि मामले की जांच की जा रही है. वन और राजस्व की टीम मौके पर जाकर जांच कर रही हैं. यहां कुछ आदिवासियों की जमीन बिकने का मामला भी सामने आ रहा है, उसकी भी जांच की जा रही है. यही नहीं यहां एक प्राचीन मंदिर तक जाने का रास्ता भी बंद कर दिया गया है जिससे स्थानीय ग्रामीण परेशान हैं. बता दें कि एक ओर सरकार जहां आदिवासियों के उत्थान के लिए नई नई योजनाएं ला रही है वहीं जमीनी हकीकत यह है कि कई जगहों पर आज भी उन्हें उनकी जगह से बेदखल कर बेरोजगार किया जा रहा है.


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