Raisen Weather: उत्तर भारत में हो रही बर्फबारी का असर अब मप्र के जिलों में भी देखने को मिल रहा है. मप्र के रायसेन जिले में भी पिछले दो तीन दिनों सें सर्दी सितम ढा रही है. पिछले तीन दिनो से पारे में लगातार गिरावट ने पिछले 80 सालों का रिकार्ड तोड़ दिया है. आलम यह कि जिले भर के कई इलाकों में फसलों पर ओस की बूंदों के जमने की खबर मिल रही हैं.  बीती रात रायसेन का न्यूनतम तापमान 2.5 डिग्री दर्ज किया गया वही दिन में भी तापमान सामान्य से काफी कम होने के कारण दिन भर लोगो को शीतलहर का सामना करना पड़ा.


फसलों को नुकसान
अचानक बढी सर्दी के की वजह से कई खेतों में पाला पड़ने से फसलों को भी नुकसान होने की आशंका बनी हुई है. चने और मसूर की फसलें कई जगह पाले के कारण सूखने लगी हैं. जिससे किसानो को भारी नुकसान हो सकता है. हालांकि कृषि विभाग ने पाले की स्थिति में किसानों को खेतों में पानी देने और शाम के समय खेत के आसपास धुंआ करने की सलाह दी है.


सब्जियों का बढ़ सकते हैं दाम
सुबह सुबह फसलों पर ओस की बूंदे जमने का यह नजारा देखने में तो खूबसूरत है लेकिन यह किसानों की फसलों के लिए बेहद नुकसानदायक बन सकता है. दअरसल बीते कुछ दिनों से मप्र के रायसेन में सर्दी का सितम लगातार जारी है. यहां पड़ रही भारी ठंड का असर अब खेत में लगी फसलों पर भी दिखने लगा है. नगर के आसपास सब्जियों के खेतों सहित मसूर ओर तुअर की खेती पर पाला का सबसे ज्यादा असर देखा जा रहा हैं. सब्जियों पर ओस की बूंदे जम जाने के कारण वे असर से सूखने लगी हैं. इसकी वजह से मार्केट में सब्जियों के भाव और बढ़ सकते हैं. वही ठंड ओर कोहरे के कारण आम जनजीवन पूरी तरह अस्त व्यस्त हो गया है.


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