MP Lok Sabha Elections 2024: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र में आम सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जब वे मुख्यमंत्री थे तब 10 साल तक किसानों से बिजली का 1 रुपये भी नहीं लिया. इसके अलावा लोगों ने घरों में भी मुफ्त बिजली का लाभ लिया.
दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने कहा है कि जब दिग्विजय सिंह अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल में इतना विकास किया है तो फिर वह लोकसभा चुनाव लड़ने से पीछे क्यों हट रहे थे ?
लोगों का दिल जीतने की कर रहे हैं कोशिश
इस बार के लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की साख भी दाव पर लगी है. लोकसभा सेट राजगढ़ के अंतर्गत आठ विधानसभा में आती है, जिनमें से दो सीट कांग्रेस के पास है, जबकि सभी 6 सीट भारतीय जनता पार्टी के पास है.
अब पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पदयात्रा के माध्यम से लोगों का दिल जीतने की कोशिश कर रहे हैं. इस लोकसभा सीट से दो बार में सांसद रह चुके हैं जबकि उनके भाई लक्ष्मण सिंह चार बार सांसद का चुनाव जीत चुके हैं.
'देश में 30 लाख सरकारी पद खाली है'
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने आमसभा को संबोधित करते हुए कहा कि जब वह मुख्यमंत्री थे तब 10 साल तक किसानों से बिजली का बिल नहीं लिया. इसके अलावा लोग घरों में भी मुफ्त की बिजली चलाते थे.
उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि राज्य और केंद्र को मिलाकर पूरे देश में 30 लाख सरकारी पद खाली है. मध्य प्रदेश में 30000 शिक्षा कर्मियों के पद खाली है.
सरकार इन पदों पर रोजगार के साधन उपलब्ध क्यों नहीं करा रही है ? उन्होंने यह कहा कि जहां पर भर्ती निकाली जाती है वहां बाहर के लोग आकर लाभ उठा लेते हैं. इन भर्ती में गड़बड़ी की शिकायत सामने आती है.
दिग्विजय सिंह खुद बार-बार चुनाव लड़ने से करते रहे इंकार
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने दिग्विजय सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि दिग्विजय सिंह कई बार अपना बयान में इस बात को कह चुके हैं कि वे लोकसभा चुनाव लड़ने को तैयार नहीं है.
वह राज्यसभा सांसद है इसलिए लोकसभा चुनाव लड़ने का प्रश्न नहीं उठाता है. जब दिग्विजय सिंह ने अपने कार्यकाल में विकास की इतनी गंगा बहाई तो उन्हें लोकसभा चुनाव का डर क्यों सता रहा था ?
उन्होंने यह भी कहा कि मध्य प्रदेश में सभी 29 सीट बीजेपी जीतने जा रही है. 4 जून को दिग्विजय सिंह के कार्यकाल के विकास का जवाब उन्हें खुद ही मिल जाएगा.