Madhya Pradesh Lok Sabha Election 2024: मध्य प्रदेश में तीसरे चरण के चुनाव में राजगढ़ को सबसे हॉट सीट मानी जा रही है. यहां से मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह कांग्रेस की टिकट पर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. उनका मुकाबला बीजेपी से दो बार के सांसद रोडमल नागर से है. इस सीट की चर्चा न केवल मध्य प्रदेश बल्कि पूरे देश में हो रही है. राजगढ़ सीट पर वोटिंग 7 मई को होगी.


दरअसल, 77 साल की उम्र में कांग्रेस दिग्गज दिग्विजय सिंह ने 1991 के बाद लोकसभा में पहुंचने के लिए जमकर पसीना बहा रहे है. वहीं, बीजेपी केंडिडेट रोडमल नागर सबसे संसदीय क्षेत्र के सबसे बड़े ओबीसी वोट बैंक और पीएम मोदी के नाम पर तीसरी बार देश के निचले सदन में पहुंचने का मंसूबा पाले है.


दिग्विजय सिंह जनता से करते है ये अपील
दिग्विजय सिंह लगातार पैदल संपर्क के साथ छोटी-छोटी चुनावी सभाएं कर रहे हैं.वे हर जगह आधा घंटे का भाषण देते हुए इमोशनल कार्ड खेलते है. दिग्विजय सिंह जनता से सिर्फ एक ही अपील करते है, "बीजेपी के रोडमल नागर को दस साल सांसद के दिए, मुझे पांच साल देकर देखिए. रोडमल की तरह गायब नहीं रहूंगा, आपसे मिलूंगा और समस्याओं को उठाऊंगा."


बीजेपी उम्मीदवार रोडमल नागर भी लगातार चुनावी संपर्क अभियान चला रहे हैं. वे साफ कहते है कि, "आपका वोट मुझे नहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाएगा. यह चुनाव सनातन और गैर सनातनी का है. भगवान श्रीराम की स्थापना हो गई है. आगे और भी काम हैं."


अमित शाह ने दिग्विजय सिंह पर कसा था तंज 
कहा जा रहा है कि साल 1991 के बाद फिर एक बार राजगढ़ लोकसभा सीट सुर्खियों में है. साल 1991 में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के दिग्विजय सिंह और बीजेपी के प्यारेलाल खंडेलवाल के बीच मुकाबला था. इस बार दिग्विजय और रोडमल नगर आमने-सामने हैं. इस सीट की चर्चा इसलिए भी क्योंकि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने चुनावी रैली में दिग्विजय सिंह पर बड़ा तंज कसा था कि, "आशिक का जनाजा है, जरा धूम-धाम से निकले." इसके बाद दिग्विजय सिंह ने गृहमंत्री अमित शाह के इस बयान पर इमोशनल कार्ड खेल रहे है.


नागर ओबीसी समुदाय हैं सबसे ज्यादा 
राजगढ़ संसदीय सीट के जातीय समीकरण की बात करें तो पलड़ा बीजेपी के रोडमल नागर का भारी दिखता है. नागर ओबीसी समुदाय से आते हैं, जिसके वोट यहां सबसे ज्यादा हैं. वहीं, दिग्विजय सिंह राजपूत समाज से आते हैं, जो वोटो के मामले पर दूसरे नंबर में है. राजगढ़ में कुल 18 लाख 69 हजार 937 वोटर हैं. इसमें 9 लाख 60 हजार 505 पुरुष और 9 लाख 9 हजार 409 महिला वोटर है. थर्ड जेंडर के वोटरों की संख्या 23 है.


ये है जातीय आंकड़ा
वोटरों के जातीय आंकड़ों को देखें तो राजगढ़ में तकरीबन 34.91 फ़ीसदी ओबीसी वोटर है. राजपूत समाज के वोटर 12.60 फीसदी, दलित समाज के वोटर 8.46 फीसदी, आदिवासी समाज के वोटर 5.97 फीसदी, ब्राह्मण समाज के वोटर 5.88 फीसदी, मुस्लिम समाज के वोटर 5.51 फीसदी और गुर्जर समाज के 5.37 फीसदी वोट है. साल 2019 के चुनाव में कुल 16 लाख 94 हजार 329 वोटरों में से 12 लाख 60 हजार 329 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था.बीजेपी को 65.37 फीसदी और कांग्रेस को 31.17 फीसदी वोट मिले थे. बीजेपी का जीत का अंतर 34% से अधिक मतों का था.


राजगढ़ में कांग्रेस पूरी तरह से कोशिश कर रही है कि चुनाव दिग्विजय सिंह वर्सेस रोडमल नगर हो.लेकिन, बीजेपी चुनाव को पूरी तरह राम मंदिर, सनातन और मोदी की गारंटी के इर्द-गिर्द रख रही है.दिग्विजय सिंह को यदि सफलता मिलती है तो साल 2009 के बाद एक बार फिर कांग्रेस राजगढ़ सीट पर विजय हासिल कर सकेगी.


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