Ram Mandir Opening: मध्य प्रदेश में भगवान श्रीराम के चरण जहां-जहां पड़े थे, वहां उनकी स्मृतियों को अक्षुण्य बनाये रखने के लिए मोहन यादव की सरकार द्वारा मेगा प्लान तैयार किया जा रहा है. चित्रकूट के अलावा ऐसे स्थानों की खोजबीन की जा रही है, जहां से वनवास के दौरान भगवान श्रीराम और माता जानकी गईं थीं. इन्हें राम वन पथ गमन के प्रोजेक्ट में शामिल करके विकसित करने की योजना है. ऐसे ही एक स्थान का प्रमाण जबलपुर (Jabalpur) में नर्मदा के किनारे मिला है. ऐसी मान्यता है कि भगवान श्रीराम ने यहां से नर्मदा नदी को पार कर दण्डकारण्य वन के लिए प्रस्थान किया था.


दरअसल आज जब पूरा देश रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए आतुर है, तो यह भी जानने का प्रयास किया जा रहा है कि उस वक्त भगवान श्रीराम के चरण देश में कहां-कहां पड़े थे. इसी क्रम में जबलपुर में रामजी के चरण रज से जिस भूमि ने अपना श्रृंगार किया था, अब उस भूमि का धार्मिक पर्यटन के लिहाज से विकास किया जाएगा. वह स्थान है नर्मदा किनारे का रामघाट पिपरिया, जो जिले की शहपुरा तहसील में है. 


जानिए क्या है यहां की मान्यता?
जबलपुर के कलेक्टर दीपक सक्सेना ने खुद रामघाट पिपरिया का दौरा किया. उन्होंने वहां के मंदिरों के दर्शन कर अधिकारियों को निर्देश दिए कि इसके विकास की कार्ययोजना तैयार की जाए. यहां बताते चले कि शहपुरा तहसील के अंतर्गत ग्राम पंचायत मगरमुंहा का आश्रित गांव रामघाट पिपरिया अब रामायण सर्किट से जुड़ने जा रहा है. ऐसी मान्यता है कि भगवान श्री राम वनवास के दौरान पिपरिया रामघाट आए थे और नर्मदा नदी को पार कर दण्डकारण्य वन के लिए प्रस्थान किया था. भारत सरकार के श्रीराम सांस्कृतिक शोध संस्थान न्यास की भगवान श्री राम गमन स्थल सूची में क्रमांक-57 में भी रामघाट पिपरिया का उल्लेख है.


20 साल पहले बना था मंदिर
श्री रामचन्द्र पथ गमन न्यास की बैठक के पूर्व कलेक्टर दीपक सक्सेना ने रामघाट पिपरिया पहुंचकर ग्रामवासियों से चर्चा की. इस अवसर पर उन्होंने मां नर्मदा के घाट सहित गांव के समग्र विकास की कार्ययोजना बनाने के निर्देश अधिकारियों को दिए. उन्होंने कार्ययोजना बनाने में ग्रामवासियों से भी राय लेने पर जोर दिया. रामघाट पिपरिया पहुंचे कलेक्टर सक्सेना ने यहां लगभग 20 साल पूर्व स्थापित किए गए राम मंदिर में भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण जी के दर्शन किए.


पौराणिक महत्व को देखते हुए होगा विकास
ग्रामीणों से चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि जबलपुरवासियों का यह सौभाग्य है कि भगवान श्री राम वनवास के दौरान जहां-जहा गए, उनमें रामघाट पिपरिया भी शामिल है. उन्होंने कहा कि इस गांव के पौराणिक महत्व को देखते हुए इसके समग्र विकास की कार्ययोजना तैयार की जाएगी. कलेक्टर ने इस अवसर पर ग्रामवासियों से चर्चा में बताया कि रामघाट पिपरिया को राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ने और नई सड़क के निर्माण के लिए सर्वे किया जाएगा.


यहां श्री राम की चरण पादुका विराजमान है
ग्राम रामघाट पिपरिया के राम मंदिर परिसर में भगवान श्रीराम की चरण पादुका विराजमान है. यहां शिवलिंग भी स्थापित किया गया है और हनुमान जी का मंदिर भी इस परिसर में है. रामघाट पिपरिया के नर्मदा नदी के दूसरे तट पर राम कुंड भी स्थित है. इस स्थान को भगवान श्री राम वन पथ गमन के मेगा प्रोजेक्ट में भी शामिल किया जा रहा है.


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