MP Politics: 'राम वन गमन पथ' को कांग्रेस ने बताया अपना प्रोजेक्ट, कहा- राम के नाम झूठ...
MP Assembly Elections 2023: मध्य प्रदेश से होकर गुजरने वाले राम वन गमन पथ परियोजना को लेकर बीजेपी और कांग्रेस आमने सामने आ गई है. कांग्रेस ने बीजेपी पर उसकी परियोजना पर क्रेडिट लेने का आरोप लगाया है.
MP Politics over Ram Van Gaman Path: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में राम वन गमन पथ को लेकर सियासत तेज हो गई है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) की कैबिनेट ने बुधवार को 'रामचंद्र पथ-गमन न्यास' के गठन का निर्णय लिया है तो कांग्रेस इसे कमलनाथ (Kamal Nath) सरकार की योजना बता रही है. कांग्रेस के मीडिया प्रभारी पीयूष बबेले ने कहा कि श्री राम वनगमन पथ का फ़ैसला आपसे (शिवराज सिंह चौहान) पहले कमलनाथ कैबिनेट कर चुकी है.
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को बताया कि कैबिनेट ने 'श्री रामचंद्र पथ-गमन न्यास' के गठन का निर्णय लिया है, जो वहां होने वाले विभिन्न विकास कार्यों की देखरेख करेगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राम हमारे रोम-रोम में रमे हैं. वनवास के समय प्रभु श्री राम जिन मार्गों से होकर गुजरे, वहां हम राम वन गमन पथ बना रहे हैं. आज देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के लिए हम प्रतिबद्ध हैं.
वहीं, कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि श्री राम वनगमन पथ पर तत्कालीन कमलनाथ सरकार की कैबिनेट फैसला ले चुकी है. मीडिया प्रभारी पीयूष बबेले ने कहा कि 'शिवराज जी श्री राम वनगमन पथ का फ़ैसला आपसे पहले कमलनाथ कैबिनेट कर चुकी है. कम से कम राम के नाम पर तो झूठ मशीन को ऑफ कर दीजिए.'
तीन साल का होगा न्यासियों का कार्यकाल
शिवराज मंत्रि-परिषद ने श्री रामचन्द्र पथ-गमन वाले अंचलों के विकास के लिए "श्री रामचन्द्र पथगमन न्यास" के गठन की स्वीकृति दी है. न्यास में 33 सदस्य होंगे. इसमें 28 पदेन न्यासी और 5 अशासकीय न्यासी सदस्य होंगे.अशासकीय न्यासियों का अधिकतम कार्यकाल तीन वर्ष होगा. पिछले एक दशक से इस पथ के निर्माण की बात की जा रही है लेकिन किसी न किसी अवरोध के कारण मामला अटक जाता था. इसके लिए कई सर्वे और अध्ययन किए जा चुके हैं. एमपी के 10 जिलों सतना, विदिशा, होशंगाबाद, जबलपुर, कटनी, शहडोल, अनूपपुर, पन्ना, उमरिया और रीवा का चयन 'राम वन गमन पथ' के लिए किया गया था.
यूपी से लेकर छत्तीसगढ़ तक फैला है राम वन गमन पथ
राम वन पथ गमन मार्ग उत्तर प्रदेश के अयोध्या से चित्रकूट और इसके बाद मध्य प्रदेश के अंदर पाया गया है. इसका समापन छत्तीसगढ़ के कोरिया में होता है. यहां बता दें कि श्रीराम की वन गमन यात्रा उत्तर प्रदेश में राम जन्मभूमि अयोध्या से शुरू होकर प्रतापगढ़, प्रयागराज, कौशांबी होते हुए चित्रकूट तक आ रही है. इसी पथ को ही राम वन गमन मार्ग कहा जाता है.
इसकी लंबाई करीब 177 किलोमीटर है. राम वन गमन मार्ग के इस हिस्से को केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्रालय बना रहा है. इसको पूरी तरह से तैयार करने में 3500 करोड़ रुपये की लागत आएगी. वहीं, मध्य प्रदेश सरकार राज्य के केवल अंदरुनी क्षेत्र में इस मार्ग का निर्माण कराएगी.
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