(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Rang Panchami 2023: महाकालेश्वर के दरबार से शुरू हुई रंग पंचमी, भक्तों ने जमकर खेली होली, रंगों में सराबोर हुए महाकाल
उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में भस्मा आरती से रंग पंचमी की शुरुआत हो गई है. बता दें कि भगवान महाकालेश्वर के दरबार से सभी धार्मिक पर्व शुरू होते हैं. इस दौरान भक्तों ने भगवान महाकाल के साथ होली खेली.
Mahakal Rang Panchami: उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Temple) में भस्मा आरती (Bhasma Aarti) से रंग पंचमी (Rang Panchami) पर्व की शुरुआत हुई. पंडित और पुरोहितों ने भस्म आरती के दौरान भगवान महाकाल (Lord Mahakal) को प्राकृतिक रंगों से सराबोर कर दिया. इस दौरान भक्तों ने भी बड़े उत्साह के साथ भस्म आरती में रंग पंचमी का उत्सव मनाया.
द्वादश ज्योतिर्लिंगों में एक भगवान महाकालेश्वर के दरबार से सभी धार्मिक पर्वों की शुरुआत होती है. रंग पंचमी पर्व की शुरुआत भी भगवान महाकाल के आंगन से हुई. अलसुबह भगवान महाकाल के दरबार के कपाट खोले गए. इसके बाद सबसे पहले भगवान महाकाल को जल, सुगंधित इत्र, दूध, दही, शहद, फलों के रस से स्नान कराया गया.
भगवान और भक्तों के बीच खेली गई होली
स्नान के बाद भगवान महाकाल का भांग, चंदन, गुलाल, फूल, काजू बादाम, किशमिश से श्रृंगार किया गया. इसके बाद भस्म आरती हुई. जैसे ही भगवान महाकाल भस्म से स्नान किया, इसके बाद भव्य आरती शुरू की गई. इस भव्य आरती में भगवान महाकाल को प्राकृतिक रंगों से स्नान कराया गया. इसके अलावा भक्त और भगवान के बीच भी जमकर होली खेली गई.
पंडित और पुरोहित परिवार करते हैं रंग तैयार
महाकालेश्वर मंदिर के पंडित प्रदीप गुरु के मुताबिक भगवान महाकाल के साथ होली खेलने के लिए पंडित और पुरोहित परिवार टेसू के फूलों से रंग तैयार करते हैं. इसके अलावा रंग में चंदन, केसर आदि भी मिलाया जाता है. भगवान महाकाल को हमेशा से ही प्राकृतिक रंगों से होली खिलाई जाती है. भगवान महाकाल के दरबार से यह संदेश भी दिया जाता है कि लोगों को केमिकल युक्त रंगों के स्थान पर फूलों से बने हर्बल प्राकृतिक रंगों का उपयोग करना चाहिए. यह शरीर के लिए भी लाभप्रद है.
रंग और गुलाल लेकर पहुंचे श्रद्धालु
भगवान महाकाल के दरबार में होली उत्सव भी बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है. पांच दिवसीय उत्सव के दौरान भगवान महाकाल को रंग गुलाल चढ़ाई जाती है. भक्त भी बड़ी संख्या में रंग पंचमी के अवसर पर रंग और गुलाल लेकर पहुंच गए. कोलकाता से आई मीनाक्षी देवी ने बताया कि उन्हें भगवान महाकाल के साथ होली खेलने की लंबे समय से इच्छा थी. आज भगवान महाकाल को रंग चढ़ा कर उनकी मनोकामना पूरी हो गई.
वहीं इंदौर से आए प्रदीप सिंह के मुताबिक वैसे तो भगवान महाकाल के दरबार में सभी त्योहार का अपना अलग ही आनंद होता है लेकिन रंग पंचमी का रंग तो यहां भक्तों के लिए अद्भुत अनुभूति लेकर आता है.