Rang Panchami: दो साल बाद इंदौर का ह्रदय स्थल राजवाड़ा सतरंगी रंग में डूबा, रंग गुलाल उड़ाते लोग डीजे की धुनों पर थिरके
Rang Panchami: शहर के विभिन्न क्षेत्रों से 4 गेर और फाग यात्रा निकल कर जब राजबाड़ा पहुंची तो यहां आसमान पर कई रंग नजर आने लगे. रंगपंचमी के मद्देनजर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम पुलिस ने किए थे.
होली के 5 दिन बाद मनाई जाने वाली रंगपंचमी पर इंदौर (Indore) की हृदयस्थली राजबाड़ा मंगलवार को सतरंगी रंग में डूब गया. शहर के विभिन्न क्षेत्रों से 4 गेर और फाग यात्रा निकल कर जब राजबाड़ा पहुंची तो यहां आसमान पर कई रंग नजर आने लगे. रंगपंचमी के मद्देनजर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम पुलिस ने किए थे. पुलिस के जवानों के साथ-साथ आला अधिकारी भी राजबाड़ा पर मौजूद रहे.मिसाइलों से उड़े गुलाल और फाग की मस्ती में शामिल होने लाखों की संख्या में लोग राजबाड़ा पहुंचे.इनमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हुए.
इंदौर में कितनी गेर निकाली गई
रंगपंचमी पर निकाली जाने वाली गेर केवल इन्दौर में ही नहीं पूरे देश में प्रसिद्ध है. इसे बड़े स्तर पर निकाला जाता है. मुख्य रूप से आज चार गेर जिकाली जा रही है. इसमें शामिल है संगम गेर,मॉरल क्लब गेर, रसिया कार्नर गेर और हिन्द रक्षक गेर. प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान भी हिन्द रक्षक गेर में शामिल होने वाले थे. लेकिन कारणवश उनका इंदौर आकर गेर में शामिल होने का कार्यक्रम निरस्त हो गया.
बता दें कि कोरोना काल के बाद रंगपंचमी पर इंदौर में कई गेर और फाग यात्राएं निकली जा रही हैं. लाखों लोग इंदौर की इस परंपरा के साक्षी बन रहे हैं. इसमें हजारों किलो गुलाल और पानी से लाखों लोगों को भिगोया गया. वर्षों पुरानी इस परंपरा के लाखों लोग साक्षी भी बने.हर वर्ष की तरह इन गेरों को बाहर से भी लोग देखने के लिए आए. गेर में मिसाइल द्वारा 200 फीट ऊपर तक लोगों को रंगों से भिगोया गया 7 हजार किलो टेसू के रंग से बने गुलाल द्वारा राजबाड़ा पर तिरंगा पानी और गुलाल की मिसाइल से बनाया गया अग्नि मिसाइलो द्वारा गुलाब के फूल पंखुड़ियों से स्वागत किया गया. बरसाना से आई टीम ने लट्ठ मार होली का मंचन भी किया. बैंड, डीजे, रँगाड़े पर नृत्य करते थिरकते लोग दिखाई दिए.
गेरों को यूनोस्को की धरोहरों की सूची में शामिल कराने की कोशिश
गेरें शहर के विभिन्न स्थानों से प्रारंभ होकर राजबाड़ा पहुंची. गेरों को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग राजबाड़ा पर सवेरे से ही जुटने लगे थे.यह गेर प्रदेश ही नहीं पूरे देश की धरोहर के रूप में पहचान पाने वाली है. इन गेरों को इस बार यूनेस्को की ओर से संरक्षित घोषित कराने का प्रयास किया जा रहा है. दो साल पहले भी ऐसी कोशिशें की गईं थी, लेकिन कोरोना काल के चलते वह नही हो सका.
इंदौर पुलिस सुरक्षा के चलते गेर मार्ग पर 4000 जवान, 200 सीसीटीवी कैमरे और 20 ड्रोन कैमरों से नजर बनाए हुए है. ताकि गेर का आयोजन अमन व शांति से हो सके.