Rewa News: मध्य प्रदेश के रीवा जिले में हड्डियों का ढांचा बनते जा रहे तीन भाइयों ने बेहद मार्मिक अपील जारी की है. दरअसल, तीनों भाई बेहद दुर्लभ बीमारी से ग्रसित है और सरकार से इलाज के लिए मदद मांग रहे है. बताया जा रहा है कि उनकी बीमारी का इलाज सिर्फ जर्मनी में होता है. दिल्ली एम्स में जांच के बाद इनमें मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से जुड़ा रोग होने की पुष्टि की है. 


धीरे-धीरे सूखते जा रहे हैं ये मरीज


रीवा जिले के त्योंथर के रहने वाले रामनरेश यादव के परिवार के सदस्य एक रहस्यमयी बीमारी का दंश झेल रहे हैं. परिवार के पांच सदस्य मस्कुलर डिस्ट्रॉफी जैसे गंभीर रोग से ग्रसित है. बताते हैं कि उनकी दिनचर्या अभी तो सामान्य व्यक्ति की तरह है. ये बराबर खाना खाते हैं और आम लोगों जैसे पानी पीते हैं. स्वस्थ व्यक्ति की तरह हंसते-बोलते भी हैं . लेकिन, उनके शरीर लगातार हड्डियों का ढांचा बनते जा रहे हैं.



ये शारीरिक रूप से लगातार कमजोर होते जा रहे हैं. खास बात यह है कि इस बीमारी के कारण उन्हें अन्य कोई विशेष दिक्कत नहीं होती. इनका जीवन अब भी आम लोगों की तरह ही गुजर रहा है, लेकिन बीमारी से हो रही कमजोरी और इसका भय मरीजों को धीरे-धीरे निराशा के गर्त में धकेलता जा रहा है.


सरकार से लगाई मदद की गुहार


दरअसल, इस परिवार के सभी पांच मरीज हड्डियों का ढांचा बनकर रह गए हैं. बीमारी के कारण मरीज कोई काम करने की स्थिति में भी नहीं हैं, हालांकि, परिवार के तीन युवा लोग कुछ काम करते रहते हैं. गांव के लोग और उनके परिजन इस बीमारी से मुक्ति चाहते हैं और इसके इलाज के लिए सरकारी मदद की बात कह रहे हैं. बताया जा रहा है कि इस बीमारी का इलाज बेहद मुश्किल है. केवल जर्मनी में ही इस बीमारी का इलाज संभव है. सामान्य परिवार के मरीजों के परिजन अब इलाज के लिए सरकार से मदद की गुहार कर रहे हैं.


वीडियो जारी कर लोगों से मांगी मदद


बीमारी से पीड़ित मनीष यादव ने सोशल मीडिया पर अपना एक वीडियो पोस्ट करते हुए कहा है कि उनके परिवार के 5 सदस्य इस बीमारी से ग्रसित हैं. उनका शरीर लगातार कमजोर होकर कंकाल बनता जा रहा है. मनीष कहते हैं कि उन्होंने सभी दलों के नेताओं से अपनी बीमारी के इलाज के लिए अपील की थी, लेकिन किसी ने भी उनकी बात नहीं सुनी. उन्होंने अब आम लोगों से भी मदद की अपील की है.


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