Pradhan Mantri Rashtriya Bal Puraskar: इंदौर में आज 12 वर्षीय सातवीं के छात्र से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल चर्चा की. इस दौरान पीएम ने छात्र से कई सवाल भी किये. 12 वर्षीय छात्र अवि शर्मा ने पीएम के सवाल का जवाब बड़े ही आत्मीय अंदाज में दिए. जिसके बाद पीएम मोदी ने अवि को उज्जवल भविष्य की शुभकामना देते हुए वर्चुअल पुरस्कार प्रदान किया.


प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के तहत असाधारण उपलब्धि हासिल करने वाले छात्रों को सम्मानित किया जाता है. इसी कड़ी में आज भी वर्चुअल माध्यम से पुरस्कार वितरण किये गए. पुरस्कार वितरण समारोह में इंदौर के अवि शर्मा को पीएम मोदी ने सम्मानित किया. साथ ही वर्ष 2021 में उत्कृष्ट काम करने वाले बच्चों को पुरस्कृत किया गया. पुरस्कार पानेवाले बच्चों की श्रेणी में इंदौर की पलक शर्मा भी शामिल रही.


इंदौर के बाल पुरस्कार विजेता से पीएम ने की वर्चुअल चर्चा


इस वर्ष अवि पूरे प्रदेश से एक मात्र ऐसे विद्यार्थी बने जिसका चयन राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के लिए हुआ था. पुरस्कार देने के साथ ही पीएम मोदी ने अवि से चर्चा की. अवि ने पीएम को अपनी 108 पन्नों वाली बालमुखी रामायण के कुछ छंद भी सुनाये. पीएम ने अवि से रामायण, छात्र जीवन और भविष्य संबंधित सवाल किए जिसका जवाब अवि ने बहुत ही सादगी के साथ दिया. इस दौरान पीएम ने कहा, "मैं बहुत प्रभावित हुआ हूं, मुझे लगा था कि मध्यप्रदेश में ऐसी ताकत है जो बचपन में ही तैयार हो जाते हैं, आपकी उम्र और आपका काम इस बात को साबित करता है कि बड़े काम करने के लिए कोई उम्र छोटी नहीं होती है. आप सिर्फ बच्चों के लिए नहीं पूरे समाज के लिए प्रेरणा हैं, जो भी करें पूरे मन से करें, इस सोच के साथ करें कि मेरा काम देश को कैसे लाभ पहुंचा रहा है. पद प्रतिष्ठा और उपलब्धियां दबाव बनाती हैं, इसे दबाव न बनने दें."




पुरस्कार पाने वाले अवि शर्मा का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी जी से बात करने का अनूठा अनुभव रहा है. उनको देखकर एक्सप्रेशंस मिलती थी, मैं काफी प्रभावित हुआ था, पीएम से से बात करते हुए आनंद की प्राप्ति हुई है. कोरोना काल के समय सब लोग हताश थे. उस समय मैंने ढाई सौ छंदों की रामायण लिखी थी. रामायण देखकर एक्सप्रेशंस मिली. बस यही सोचकर लिखी कि हम बच्चे रामायण को भूलते जा रहे हैं. जितनी भी अच्छाइयां हैं, उसमें जितने कैरेक्टर हैं, आदर्श हैं, सभी को भूलते जा रहे हैं. यही कारण है कि मैंने बालमुखी रामायण लिखी. हम बच्चे उसमें से अच्छाइयां अपना सकें. प्रधानमंत्री के मोटिवेशन पर कहा कि जिस प्रकार से मुझे नरेंद्र मोदी ने बताया है, इससे प्रेरणा जरूर लेना चाहिए. 


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