Ratlam Madrasa News: मध्य प्रदेश के रतलाम में अवैध रूप से संचालित किए जा रहे मदरसे में तालीम ले रही लड़कियों के कमरे में कैमरे पाए जाने से बाल विभाग आयोग ने आपत्ति दर्ज कराई है. इस मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने रतलाम एडीएम की कार्यशैली पर भी आपत्ति जताई है. इस मामले में सरकार को शिकायत भेजी गई है. 


राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने सोशल मीडिया के माध्यम से ये खुलासा किया कि मध्य प्रदेश बाल आयोग की सदस्य ने निरीक्षण के दौरान रतलाम में खाचरोद पर संचालित हो रहे एक अवैध मदरसे में लड़कियों के कमरे में कैमरे पाया. इसके अलावा ये खुलासा भी हुआ कि दूसरे शहर और राज्यों से लाकर लड़कियों को वहां रखा गया था और उनको स्कूल भी नहीं भेजा जा रहा था जो कि संविधान के खिलाफ है. 


 एडीएम के बयान पर दर्ज कराई आपत्ति


बाल आयोग सदस्य ने कैमरे की रिकॉर्डिंग की डीवीआर जब्त करने के मौखिक निर्देश तत्काल दे दिए थे. डीवीआर जब्ती की जानकारी प्रशासन से आना बाकी है, जिसकी प्रत्याशा में आयोग की तरफ से नोटिस जारी किया जाना भी अभी बाकी है. इस मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष ने रतलाम की एडीएम के मदरसे की जांच के बाद दिए गए बयान पर आपत्ति दर्ज कराई है.


अध्यक्ष ने कहा है कि अभी मामले की जांच चल रही है. इसके अलावा प्रशासन से डीवीआर की जानकारी आना बाकी है. इसके पहले एडीएम ने मदरसे को अपने बयानों के जरिए क्लीन चिट दे दी है. इस मामले में रतलाम जिला प्रशासन को बाल आयोग ने नोटिस जारी किया है. इसी के साथ बाल अधिकार कानूनों पर एडीएम को प्रशिक्षण देने के लिए सरकार को अनुशंसा किया है.


 एडीएम को कहा मदरसे का प्रवक्ता


रतलाम मीडियम शालिनी श्रीवास्तव ने मदरसे का निरीक्षण करने के बाद मीडिया को दिए बयान में कहा था कि उनके पास मदरसे में लड़कियों को अमानवीय रूप से रखे जाने की शिकायत मिली थी जिसकी उन्होंने जांच की है. उन्होंने कहा कि लड़कियों के कमरों में कैमरा इसलिए लगाए गए थे ताकि उनका कीमती सामान चोरी ना हो. हालांकि, शिकायत के बाद कैमरा हटा दिए गए हैं. उन्होंने ये भी कहा कि मदरसे में कपड़े बदलने वजू खाने सहित अन्य स्थानों पर कैमरे नहीं लगाए गए थे.


एडीएम ने कहा कि दस्तावेजों की जांच के बाद स्पष्ट हो पाएगा कि मदरसा वैध है या अवैध है. इसके अलावा उन्होंने मदरसे की लड़कियों को स्कूल में तालीम दिलाने को लेकर भी बयान दिया था कि मदरसा परिसर में ही स्कूल संचालित किया जा रहा है, जिसमें मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से दी जाने वाली तालीम अलग से दिलाई जाती है. एडीएम के इन्हीं बयानों को लेकर बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष ने आपत्ति दर्ज कराते हुए उन्हें मदरसे का प्रवक्ता तक सोशल मीडिया पर लिखा है.


43 छात्राओं का कराया एडमिशन, पुस्तक की वितरित


मंगलवार को रतलाम कलेक्टर राजेश बाथम ने मदरसे में पढ़ने वाली छात्राओं का स्कूल में एडमिशन कराया. बताया जाता है कि मदरसे में धार्मिक शिक्षा दी जा रही थी मगर कई छात्राओं का मध्य प्रदेश सरकार द्वारा दी जाने वाली शिक्षा को लेकर स्कूलों में उनका एडमिशन नहीं था. कलेक्टर राजेश बाथम ने एडमिशन कराने के साथ-साथ पुस्तक भी छात्राओं को वितरित की.


ये भी पढ़े: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भोपाल में CM मोहन यादव से मुलाकात की, क्या हुई बात?