Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के रतलाम (Ratlam) में किराना व्यापारी को स्मैक तस्कर बताकर दो पुलिस वाले वसूली करने पहुंच गए. जब वे वसूली की कोशिश कर रहे थे उस समय लोगों की भीड़ ने दुकान को घेर लिया. दोनों पुलिसवालों को पकड़कर उसी थाना पुलिस (Ratlam Police) के सुपुर्द कर दिया, जहां पर उनकी पोस्टिंग थी. इस घटना के संज्ञान में आने के बाद एसपी ने दोनों पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है. इस घटना का वीडियो भी सामने आया है.


पकड़कर थाने ले गए
रतलाम जिले के ताल में मुखर्जी चौक पर स्थित किराने की दुकान पर ताल थाने में पदस्थ पुलिसकर्मी विकास और अरविंद पहुंचे. दोनों पुलिसकर्मी ने कहा कि व्यापारी माचिस की डिब्बी में स्मैक भरकर तस्करी कर रहा है. व्यापारी ने पुलिसकर्मी के आरोपों को झूठा बताया. इस दौरान दुकान के आसपास लोगों की भीड़ जमा हो गई. व्यापारियों ने आरोप लगाया कि ताल थाने में पदस्थ इन दोनों पुलिसकर्मियों द्वारा कई व्यापारियों को तस्करी के नाम पर ब्लैकमेल किया जा रहा है. इसके बाद व्यापारियों ने दोनों पुलिसकर्मियों को पकड़कर ताल थाना पुलिस के सुपुर्द कर दिया. 






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दोनों को किया गया सस्पेंड 
पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी ने बताया कि, दोनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ लोगों से गंभीर शिकायत मिली थी जिसके बाद दोनों को सस्पेंड कर दिया गया है. उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू हो गई है. यदि विभागीय जांच के दौरान यह पाया गया कि उनके द्वारा किया गया कृत्य अपराधिक श्रेणी में आता है तो दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उन्हें बर्खास्त करने की कार्रवाई भी की जा सकती है. 


स्थानीय व्यापारी ने क्या बताया 
स्थानीय व्यापारी और रहवासी राजेश सिंह ने बताया कि, दोनों पुलिसकर्मी किराने की दुकान में जबरन घुस गए. उन्होंने जेब से माचिस की डिब्बी नीचे गिरा दिया. इसके बाद व्यापारी पर यह आरोप लगा दिया कि वह इस माचिस की डिब्बी में स्मैक बेच रहा है. इसके बाद दोनों पुलिसकर्मियों द्वारा अपने स्वार्थ की पूर्ति करने की पेशकश की गई जिसके चलते स्थानीय व्यापारियों और लोगों की भीड़ दुकान पर एकत्रित हो गई. जब पुलिसकर्यों से जानकारी हासिल की गई तो उन्होंने अपनी नेम प्लेट भी खोल कर जेब में रख ली जिसके चलते दोनों को पकड़कर पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया. 


राजपत्रित अधिकारी होना जरूरी-एसपी
रतलाम एसपी अभिषेक तिवारी ने बताया कि, यदि  पुलिसकर्मियों को मादक पदार्थ के बारे में जानकारी मिली थी तो उन्हें वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित करना था. मादक पदार्थों की धरपकड़ में राजपत्रित अधिकारी का होना आवश्यक है. दोनों पुलिसकर्मियों की भूमिका प्रारंभिक स्थिति में संदिग्ध दिखाई दी जिसके चलते दोनों को सस्पेंड कर दिया गया है. 


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