Ratlam News: रतलाम के एक युवक ने जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों से एक सवाल किया है. उसने पूछा है कि भगवान के घर जाकर उसके पिता को किसने वैक्सीन लगाई? उसने कर्मचारी को सामने लाए जाने की मांग की है. वैक्सीनेशन के आंकड़ों को लेकर हमेशा से ही सवाल खड़े होते आ रहे हैं. इसी बीच मृत लोगों को वैक्सीन लगाने के प्रमाण पत्र जारी होना गंभीर विषय है. रतलाम के शक्ति नगर में रहने वाले कृष्ण कुमार बटवाल ने बताया कि उनके पिता कैलाश बटवाल का निधन 4 मई 2021 को हो गया था. जब उनके मोबाइल पर पिता के वैक्सीनेट होने का मैसेज आया तो चौंक गए.
पिता की मौत के बाद किसने वैक्सीन लगाया?
उनके पिता की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग की ओर से दूसरा डोज लगाए जाने की पुष्टि की गई. उन्हें लगा कि हो सकता है गलती से मैसेज आ गया होगा लेकिन जब वैक्सीनेशन के प्रमाण पत्र को हासिल करने की कोशिश की तो प्रमाण पत्र भी मिल गया. इसके बाद उन्हें एहसास हुआ कि फर्जीवाड़ा चल रहा है. इस फर्जीवाड़े को लेकर कृष्ण कुमार ने सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल किया है. उन्होंने वीडियो के माध्यम से पूछा है कि उनके पिता को निधन के बाद किसने टीका लगाया? उसे सामने लाया जाना चाहिए. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 5 दिन पहले रतलाम को शत-प्रतिशत वैक्सीनेटेड घोषित किया था.
टारगेट पूरा करने के लिए आंकड़ों की बाजीगरी
शहर के बाद अब जिले को भी शत-प्रतिशत वैक्सीनेटेड किए जाने की कवायद चल रही है. बताया जा रहा है कि महज 40 हजार लोगों को सेकंड डोज और लगने के बाद पूरा जिला शत-प्रतिशत वैक्सीनेटेड हो जाएगा. इसी बीच टीकाकरण में फर्जीवाड़े के आरोप भी लगातार आ रहे हैं. मामला प्रकाश में आने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने जांच की बात कही है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी पड़ताल कर रहे हैं मगर जांच कब तक पूरी होगी, इसका जवाब किसी के पास नहीं है. आपको बता दें कि कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने पिछले दिनों कोरोना के खतरे को भांपते हुए मास्क लगाने सहित अन्य सावधानी बरते जाने की अपील की थी. इसके अलावा वैक्सीनेशन को लेकर भी उन्होंने बैठक ली थी. माना जा रहा है कि टारगेट पूरा करने के लिए आंकड़ों की बाजीगरी भी सामने आ रही है.
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