MP News: लोकसभा चुनाव खत्म होती ही अब मध्य प्रदेश में प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. इंदौर में जून के शुरुआती 10 दिनों में ही करीब 40 करोड़ रुपए की रजिस्ट्री हो चुकी है. अगर आंकड़ों में देखा जाए तो यह पिछले साल से करीब 8 प्रतिशत ज्यादा है. यानि चुनाव खत्म होने के तुरन्त बाद अब लोगों का रुझान प्रॉपर्टी की ओर बढ़ने लगा है.


10 दिनों में करीब 40 करोड़ रुपए की रजिस्ट्री
जिला पंजीयक कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, इस साल जून महीने में शुरुआती 10 दिनों में करीब 40 करोड़ रुपए की रजिस्ट्री की जा चुकी है. चुनाव खत्म होने के बाद लोग अब प्रॉपर्टी के रजिस्ट्री की तरफ बढ़ रहे हैं और प्रॉपर्टी मार्केट तेजी से बूम कर रहा है. विभाग इस साल अभी तक करीब 370 करोड रुपए का राजस्व प्राप्त कर चुका है यह राजस्व करीब 30000 से ज्यादा दस्तावेजों के रजिस्ट्री होने से मिला है जो कि स्टांप ड्यूटी के रूप में अर्जित किया गया है.


वित्तीय वर्ष का लक्ष्य 2925 करोड़ रुपए
इस साल वित्तीय वर्ष का लक्ष्य करीब 2925 करोड़ रुपए का है. यानी पिछले साल से इसे 21 प्रतिशत ज्यादा माना जा रहा है बीते साल पंजीयन विभाग द्वारा 2415 करोड रुपए का राजस्व वर्जित किया गया था लेकिन इसमें अब 21% की बढ़ोतरी कर दी गई है. हालांकि पिछले 2 महीना में आचार संहिता के चलते नगद में लेनदेन काम हो रहा था और जो लोग बाहर से रजिस्ट्री के लिए इंदौर आते हैं उनकी संख्या भी काम ही थी इसीलिए इस दौरान विभाग को केवल 282 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ.


हर दिन करीब 700 रजिस्ट्रियां हो रही है
दस्तावेजों की संख्या देखी जाए तो 2000 से ज्यादा का अंतर पिछले साल और इस साल मई के महीने में रहा है. लेकिन मई महीने में बड़ी रजिस्ट्री के बजाय छोटी रजिस्ट्री यहां ज्यादा हुई हैं यानी जिनमें कम कैश लगता है उन रजिस्ट्री को किया गया है. पिछले साल में 13340 दस्तावेज पंजीबद्ध हुए थे, तो वहीं इस साल इनकी संख्या 15310 हो गई. 1 जून से रजिस्ट्री की संख्या में तेजी देखी जा रही है और हर दिन करीब 700 रजिस्ट्रियां हो रही है. इससे विभाग को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में इनकी संख्या और बढ़ेगी.


आपको बता दें कि पिछले साल पंजीयन विभाग को 10 जून तक करीब 354 करोड़ रुपए राजस्व के रूप में मिले थे. लेकिन इस बार 365 करोड रुपए विभाग अभी तक स्टॉप ड्यूटी से कमा चुका है. यानी इस साल 8% की वृद्धि देखी जा रही है. अगर दस्तावेजों की बात करें तो पिछले साल करीब 28000 दस्तावेज अब तक रजिस्टर्ड हुए थे. तो वहीं इस बार की संख्या 30 हजार 340 को पार कर गई है.


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