Bhopal : मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार राज्य के कर्मचारियों को बगैर मांगे ही एक सौगात देने जा रहे हैं. इस सौगात में एमपी के कर्मचारियों की रिटायरमेंट की उम्र अब 62 के स्थान पर 63 साल हो जाएगी. सामान्य प्रशासन विभाग ने इस प्रस्ताव को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पास भेजा है, इस प्रस्ताव पर कैबिनेट में विचार किया जाएगा. यदि प्रस्ताव पास होता है तो पांच साल बाद एक बार फिर कर्मचारियों के रिटायरमेंट की उम्र में इजाफा होगा. 

 

प्रदेश के डेढ़ लाख कर्मचारियों को मिलेगा लाभ 

 

बता दें चुनावी साल में प्रदेश के कर्मचारी संगठन विभिन्न तरह की मांगे कर रहे हैं, जिन्हें पदोन्नति, भत्ते, वेतन निर्धारण, संविलियन, पुरानी पेंशन बहाली सहित अन्य मांगे शामिल हैं. हालांकि, इन मांगों में रिटायरमेंट उम्र की बढ़ोतरी शामिल नहीं है, लेकिन बताया जा रहा है कि मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार कर्मचारियों को बिना मांगे ही यह सौगात देने की तैयारी में है. राज्य शासन ने पांच साल पहले 2018 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले रिटायरमेंट की आयु सीमा 60 से बढ़ाकर 62 साल करने का फैसला किया था, जिसका फायदा प्रदेश के डेढ़ लाख से ज्यादा कर्मचारी एवं अधिकारियों को मिला है.

 

रिटायरमेंट की उम्र 62 से बढ़कर 63 साल करने की तैयारी

 

बताया जा रहा है कि अब एक बार फिर कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र में इजाफा करने की तैयारी है. यदि कैबिनेट में यह प्रस्ताव पास होता है कि प्रदेश के कर्मचारियों की रिटायरमेंट की उम्र 62 से बढ़कर 63 साल हो जाएगी. सामान्य प्रशासन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, कर्मचारियों से जुड़े सभी प्रस्ताव ऊपर भेजे हैं, जिन पर फैसला लेना है. बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कर्मचारियों के मसले पर जल्द सामान्य प्रशासन विभाग और मंत्री समूह के साथ बैठक करने वाले हैं. बैठक में बड़े फैसले हो सकते हैं, जिनमें रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने का फैसला शामिल है.