इंदौर: बारिश के चलते घरों के आसपास जलजमाव की स्थिति अगर है तो उसकी निकासी का इंतजाम कर लें. अगर आपने ऐसा नहीं किया तो आप डेंगू, मलेरिया और टाइफाइड जैसी बीमारियों का शिकार हो सकते हैं. यह एडवाइजरी जारी की है इंदौर के स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख डॉक्टर भूरे सिंह सेतिया ने. उन्होंन कहा है कि सरकारी अस्पताल में इन बीमारियों के इलाज के पर्याप्त इंताजम हैं.
मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी में जलभराव
दरअसल इंदौर शहर की सड़कों, गलियों, मोहल्लों और चौराहों की दुर्दशा किसी से छिपी नहीं है. शहर में थोड़ी सी बारिश में ही नदी-नाले उफान पर आ जाते हैं. शहर की सड़कों पर नदी-नालों जैसे हालात बनते दिख रहे हैं.शायद ही कोई क्षेत्र ऐसा होगा जहां जलजमाव की स्थिति ना बनती हो. बारिश के बाद धूप भी तेज हो गई है.
बारिश के बाद शहर की सड़कों में बने गड्ढों में पानी भरा गया और उस भरे हुए पानी में बीमारी पैदा करने वाले और जानलेवा मच्छर पनप रहे हैं. इंदौर के सीएमएचओ डाक्टर भूरे सिंह सेतिया ने बताया कि ऐसे में डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड और बच्चों में डायरिया की शिकायत सामने आने लगी है.हालांकि इन सभी बीमारियों से हर उम्र का व्यक्ति परेशान होता है. उन्होंने इसको लेकर सावधानियां बरतने और लक्षण नजर आने पर सरकारी अस्पतालों में जाकर अपना इउपचार कराने की सलाह दी. उनका कहना है कि सरकारी अस्पतालों में इन बीमारियों के इलाज के पर्याप्त इंतजाम हैं.
इंदौर में नगर निगम का दावा
गौरतलब ही की यह कोई पहला साल नहीं है जब बारिश के मौसम में शहर के अधिकांश इलाके जल जमाव की स्थिति पैदा हो गई है. पिछले कई सालों से स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शहर की जल निकासी को बदलने का प्रयास किया जा रहा है.नगर निगम की ओर से दावा किया जा रहा है की शहर में नाला टेंपिंग किए जाने के बावजूद पानी की निकासी का समुचित इंतजाम है.लेकिन देश के सबसे साफ और स्वच्छ शहर इंदौर में बारिश के पानी सही रास्ते से सही जगह तक पहुंचाने के प्रयास पूरी तरह विफल दिखाई दे रहे हैं.
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