Bhopal News: मध्य प्रदेश सरकार प्रदेश में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के तमाम दावे कर ले,लेकिन हकीकत में यह दावे जमीन पर उतरते नहीं दिखाई देते हैं. आम आदमी की कालोनी हो या वीवीआईपी की कालोनी, हर जगह सड़कों का घटिया निर्माण हो रहा है.इसका प्रत्यक्ष उदाहरण राजधानी भोपाल के 74 बंगला स्थित वीवीआई कालोनी में देखने को मिला है. वहां सप्ताह भर पहले एक करोड़ रुपये की लागत से सड़क का निर्माण कराया गया था, लेकिन बेमौसम बारिश में यह सड़क उखड़ गई है.


बता दें राजधानी भोपाल स्थित 74 बंगला वीवीआईपी कॉलोनी में सरकार के मंत्री और बड़े-बड़े अफसर के निवास हैं. वीवीआईपी के बेहतर आवागमन के लिए सप्ताह भर पहले एक करोड़ रुपये की लागत से आठ किलोमीटर लंबी सड़क का रिन्युअल कराया गया.सड़क पर बिटुमिन कांक्रीट का कोट करने के साथ ही डामरीकरण भी किया जा रहा है.लेकिन निर्माण कार्य में गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा गया. इसका नतीजा यह हुआ कि चार दिन पहले बनी सड़क  बेमौसम की हल्की बारिश में ही उखड़ गई.खास बात यह है कि मध्य प्रदेश सरकार के पीडब्लूडी मंत्री गोपाल भार्गव के बंगले बाहर ही इस सड़क  निर्माण हुआ है. 


समय से पहले ही दम तोड़ती सड़कें 
बता दें प्रधानमंत्री सड़क  योजना अंतर्गत बनने वाली सड़कों समेत अन्य सड़कों की उम्र पांच साल होती है.निर्माणाधीन एजेंसी से सड़क की पांच साल की गारंटी ली जाती है,लेकिन विडंबना यह है कि मध्य प्रदेश में बनने वाली सड़कें अपनी पांच साल का लाइफ पूरी नहीं कर पाती हैं और समय से पहले ही दम तोड़ देती हैं.जबकि राजधानी भोपाल के वीवीआईपी क्षेत्र 74 बंगला में तो लगभग हर साल ही सड़कों पर डामर बिछाते हुए देखा जा सकता है.


इन सड़कों की भी हालत है खराब
चुनावी राज्य मप्र में सरकार तेजी से सड़कों का जाल बिछा रही है.लेकिन हकीकत यह है कि इन सड़कों के निर्माण में गुणवत्ता को दरकिनार किया जा रहा है.हाल यह है कि राजधानी भोपाल में महीने भर पहले भारत माता चौराहा के पास सड़क बनाई गई थी. उसका बेस उखड़ा गया है. इसी तरह शाहपुरा सी सेक्टर से कालियासोत ब्रिज होते हुए बावडिय़ाकलां को जोड़ने वाली वाली सड़क की सरफेस खराब हो गई है.राजधानी में ऐसी अनेक सड़कें हैं जो महीने दो महीने में ही दम तोड़ गई हैं.


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