Ukraine -Russia Crisis: खबर मध्य प्रदेश के रीवा से है जिले की जवा तहसील क्षेत्र स्थित रामबाग गांव के निवासी प्रज्ज्वल तिवारी इन दिनों रूस और यूक्रेन की लड़ाई के बीच में यूक्रेन के चेर्नोबिल स्टेट (Chornobyl) में फंसे हुए हैं जिसके कारण रीवा में रह रहे उनके परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है. वहीं दोनों ही देशों के बीच होने वाले युद्ध के खतरे ने परिजनों की मुश्किलें बढ़ा दी है, जिसकी वजह से अब प्रज्ज्वल के परिजन दिन भर टीवी पर अगली खबर का इंतजार करते रहते हैं कि आखिर उनका बेटा कब सुरक्षित घर वापस आएगा?


यूक्रेन में रहकर एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं प्रज्जवल 


रुस व यूक्रेन के बीच चल रहे गतिरोध के बीच फंसे हजारों भारतीय स्टूडेंट्स की धड़कने बढ़ी हुई है, जिसमें मध्य प्रदेश के रीवा जिले  के एक छात्र प्रज्जवल तिवारी शामिल हैं जो यूक्रेन में रहकर एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं. उन्होंने अपने माता पिता से फोन पर बोला कि कल क्या होगा इसका उसे पता नहीं. वहीं जब से रूस और यूक्रेन के बीच चलने वाली जंग का पता उसके परिजनों को चला है तो उनका भी रो रो कर बुरा हाल हो गया है. परिजनों की मानें तो अब उनके पास अपने बेटे के वापस आने की केवल आस रह गई है जिसके लिए वह अपने घर में बैठकर दिन भर टीवी देखते रहते हैं ताकि उनके बेटे की खोज खबर लग सके.


टेलीकॉम व इंटरनेट सेवाएं पूरी तरह से ठप हैं


दरअसल यूक्रेन में फंसे प्रज्ज्वल तिवारी रीवा जिले के जवा तहसील क्षेत्र स्थित ग्राम रामबाग के निवासी हैं और यूक्रेन के चेर्नोबिल स्टेट में स्थित एक छात्रवास में रहकर वो मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस द्वितीय वर्ष की पढ़ाई कर रहे हैं. प्रज्ज्वल के पिता बुद्धिसागर तिवारी एक हार्ड वेयर की दुकान चलाते हैं. दो भाई और बहन के बीच प्रज्ज्वल सबसे बड़े हैं. यूक्रेन में फंसे प्रज्ज्वल का कहना है कि रूस के हमले की चेतावनी के बाद से यहां के हालात बिगड़ गए हैं और टेलीकाम व इंटरनेट सेवाएं पूरी तरह से ठप हैं. ढंग से घर वालों से बातचीत भी नहीं हो पा रही है. वाटसएप कॉलिंग पर ही बात हो पा रही है अब कल क्या होगा यह कोई नहीं जानता है.


भारत ने अपने नागरिकों को अस्थाई रुप से यूक्रेन छोड़ने की सलाह दी है. इधर देश लौटने के लिए यूक्रेन में मौजूद भारतीय छात्रों का कहना है कि वो डरे हुए हैं और देश लौटना चाहते हैं. सरकार की ओर से जानकारी नहीं मिल पा रही है. यूक्रेन और रूस के बीच बने युद्ध जैसे हालातों के बीच फ्लाइट का किराया भी तीन गुना से ज्यादा हो गया है. छात्रों ने बताया कि 70 हजार का किराया अचानक से 2 लाख के करीब पहुंच गया है. यूक्रेन में रह रहे भारतीयों को वापस लाने की तैयारी में इंडियन एम्बेसी भी तैयारियों में जुटा हुआ है.


पांच दिनों से घर पर खाना नहीं बना


प्रज्ज्वल के पिता बुद्धिसागर तिवारी ने बताया कि पांच दिनों से घर पर खाना नहीं बना और रहना मुश्किल हो रहा है. उन्होंने अपनी हार्डवेयर की दूकान भी बंद कर रखी है. उन्होंने सरकार से गुजारिश की है कि किसी भी तरह से उनके बेटे को भारत लाया जाए. प्रज्ज्वल की मां रन्नो तिवारी ने रोते हुए बताया कि परिजनों ने न तो खाना खाया है और न ही सो सके हैं. दिनभर टीवी पर ख़बरें देखते हैं ताकि बेटे की खबर मिल सके.


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