Russia Ukraine War: जंग ने आशियाने के सपने पर फेरा पानी, कारोबारियों ने सरकार से की ये मांग
Russia Ukraine Crisis: दो देशों की जंग ने आम आदमी के सपने को पूरा करना मुश्किल बना दिया है. रियल एस्टेट कारोबारियों ने सरकार से बिल्डिंग मैटेरियल की कीमत काबू करने के लिए सख्त कदम उठाने की मांग की है.
Russia Ukraine Conflict: रूस और यूक्रेन में जंग ने भारत के निर्माण उद्योग को भी प्रभावित किया है. मध्यप्रदेश में निर्माण सामग्री के बढ़ते दाम से आशियाने का सपना टूट रहा है. लोहा, ईंट, सीमेंट की कीमतों में तेजी से आशियान के निर्माण की लागत बढ़ गई है. आम आदमी के मकान से लेकर रियल एस्टेट सेक्टर का काम अटक रहा है. किसी ने दीवार बनाने के बाद लेंटर का काम अधूरा छोड़ दिया है. कोई दीवारों का प्लास्टर नहीं करा पा रहा है. मकानों के काम को बिना फिनिशिंग के छोड़ दिया गया है. कीमत बढ़ने के कारण मकान बनाने का बजट बिगड़ गया है.
जंग ने निर्माण उद्योग को किया प्रभावित
रियल एस्टेट डेवलपर्स की शीर्ष संस्था केडाई मध्य प्रदेश इकाई के प्रदेश अध्यक्ष वासिक हुसैन ने बताया कि लोहा, सीमेंट और रेत के दाम बढ़ गए हैं. बिल्डिंग मैटेरियल का भाव बढ़ने से डेवलपर्स के हौसले पस्त हो गए हैं. आलम ये है कि निर्माणाधीन प्रोजेक्ट का निर्माण रुक गया है. महंगाई की आग चौतरफा भड़कने से लोग परेशान हैं. उन्होंने कहा कि सरकार को लोहा, सीमेंट और रेत का भाव रोकने के लिए सख्त कदम उठाना चाहिए. केडाई ने मूल्यों को नियंत्रित करने का सरकार को सुझाव दिया है. हुसैन का कहना है कि सरकार ने रियल एस्टेट सेक्टर, दूरसंचार की मॉनिटरिंग के लिए रेगुलेटरी का गठन कर रखा है. उसी तरह लोहा, सीमेंट और रेत की कीमत की मॉनिटरिंग के लिए रेगुलेटरी का सरकार को गठन करने पर विचार करना चाहिए.
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बिल्डिंग मैटेरियल पर महंगाई की मार
डेवलपर्स विकास शर्मा के अनुसार निर्माण सामग्री पर महंगाई की मार से रियल स्टेट सेक्टर की आर्थिक स्थिति गड़बड़ा गई है. निर्माण सामग्री की कीमतें बढ़ने का सबसे ज्यादा असर घर बना रहे मध्यवर्गीय लोगों को पड़ रहा है. पहले कोरोना ने मारा और अब महंगाई फटकार लगा रही है. रियल एस्टेट कारोबारियों के अनुसार बिल्डिंग मैटेरियल की कीमत बढ़ने का सीधा असर निर्माण उद्योग लागत पर पड़ा है. निर्माण लागत 11 सौ रु प्रति वर्ग फीट थी से बढ़कर 12 सौ प्रति वर्ग फीट के लगभग हो गया है. 1000 ईंट की कीमत 7000 रुपए से बढ़कर 13000 रु हो गई है. 4500 ट्राली मिलनेवाली रेत अब 5000 रुपये में मिल रही है. लोहा लोकल 8000 से बढ़कर 8200 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है. 8500 रुपए प्रति क्विंटल मिलनेवाला ब्रांडेड लोहा अब 8700 रुपए के भाव से बिक रहा है.
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