Russia-Ukraine War: यूक्रेन से लौटे छात्रों को सता रही है भविष्य की चिंता, भारत के हैं 21 हजार छात्र
रूस-यूक्रेन युद्ध में जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई करना फिलहाल यूक्रेन के लिए संभव नहीं है. इस संकट से भारत से डॉक्टर बनने यूक्रेन गए विद्यार्थियों के सामने अब भविष्य का संकट खड़ा हो गया है.
MP News: रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) में जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई करना फिलहाल यूक्रेन (Ukraine) के लिए संभव नहीं है. इस संकट से भारत से डॉक्टर बनने यूक्रेन गए विद्यार्थियों (students) के सामने अब भविष्य का संकट खड़ा हो गया है. युद्ध के दौरान खारकीव (Kharkiv) में ज्यादा नुकसान हुआ है. वहां की मेडिकल यूनिवर्सिटी (medical university) में पढ़ने वाले चार से पांच हजार छात्र छात्राओं को अपने भविष्य की चिंता है.
छात्रों के पास ऑनलाइन क्लास लेने तक की जानकारी नहीं आई है .वहीं डोनेटस्क पोलतावा सुमी इवानो फ्रेंकी व्स माइकोलेव ओडेसा शहर में रहकर मेडिकल की पढ़ाई कर रहे. छात्र-छात्राओं को मध्य प्रदेश लौटने के बाद अगले सप्ताह ऑनलाइन क्लास लेने का मैसेज आ गया है. कुछ ही शुरू भी हो गई है .इससे अप्रैल माह के आखिर या मई में उनसे वापस लौटने की उम्मीद भी जारी है.
भारत के 21 हजार छात्र पढ़ते हैं यूक्रेन के मेडिकल यूनिवर्सिटी
यूक्रेन की आठ मेडिकल यूनिवर्सिटी में करीब 21 हजार भारतीय छात्र छात्राएं पढ़ते हैं. पूर्व के 3000 छात्र डॉक्टर बनने के बाद वही बसे है. लेकिन युद्ध ने स्थितियों में काफी बदलाव कर दिया. मध्य प्रदेश के लगभग 500 छात्र वहां थे. इसमें से अस्सी फीसदी लौट आए हैं.भोपाल लौटे छात्रों ने बताया कि यूक्रेन की मेडिकल यूनिवर्सिटी में एक एक सब्जेक्ट की अलग-अलग बिल्डिंग है. छात्रों ने बताया कि वे अपनी यूनिवर्सिटी का कैंपस ही पूरा नहीं हुआ है. आत्रेय को पढ़ाई करते 6 साल हो गए लेकिन उसने पूरा कैंपस नहीं घुमा.
यूक्रेन की स्थिति है ज्यादा खराब
अवधपुरी की शिवानी युद्ध प्रभावित खारकीव में फंसी थी. स्थिति ज्यादा खराब है मेडिकल यूनिवर्सिटी में ही तीन धमाके हुए हैं. पता नहीं वह क्या स्थिति है यहां करीब 2000 से ज्यादा भारतीय छात्र पढ़ते हैं. इनमें से किसी के पास ऑनलाइन क्लास तक का मैसेज नहीं आया है. यह स्थिति कीव शहर में रहकर पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्राओं के सामने अब उनको भविष्य की चिंता सताने लगी है.
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