MP Medical Student Stuck In Ukraine: यूक्रेन संकट के बीच वहां पढ़ रहे मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के विद्यार्थियों के घर वापसी शुरू हो गई है. यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई के लिए प्रदेश के अलग-अलग शहरों से करीब 100 विद्यार्थी गए थे, इनमें से 70 इंदौर के बताए जा रहे हैं. बुधवार को इंदौर और भोपाल निवासी एक-एक स्टूडेंट घर लौटे हैं. वहीं यूक्रेन की राजधानी कीव में गुरुवार सुबह तेज धमाकों से लोगों की नींद खुली.


बता दें कि एक दिन पहले माना जा रहा था कि अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन और रुसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यह शांति बहाली पर वार्ता हो सकती है लेकिन संयुक्त राष्ट्र संघ को दरकिनार करते हुए रूस ने गुरुवार को यूक्रेन मे अंत में सैन्य अभियान शुरू कर दिया. 


रूस के सैन्य अभियान शुरू होने के बाद हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया गया. इसके कारण वहां से भारतीयों की वापसी का अभियान बाधित हुआ है. मध्य प्रदेश के विदिशा, शाजापुर, रायसेन, सीहोर के छात्रों ने वीडियो काल और सोशल मीडिया पर अपनी आपबीती सुनाई. खुशी दुबे, रश्मि सृष्टि, सोनी, हर्षित दुबे, अंशुल देशमुख सहित दर्जनों छात्रों ने सोशल मीडिया पर वीडियो बनाकर माता-पिता और अन्य लोगों से बातचीत की.


कीव एयरपोर्ट पर अचानक हुआ धमाका और छा गया अंधेरा


इन छात्र-छात्राओं का कहना है सुबह जब यूक्रेन में कीव एयरपोर्ट पहुंचे तब सब ठीक था, मेरे कुछ साथी वेटिंग रूम में भी थे. तभी रूस की सेना के हमले की सूचना मिली तो मन घबरा गया. इसी बीच एक मिसाइल एयरपोर्ट के एक हिस्से की और गिरी. हम कुछ समझ पाते उससे पहले ही बिजली गुल हो गई और धुआं फैलने लगा. लोग इधर-उधर भाग रहे थे. मैंने भी अपना सामान उठाया और बाहर कैंपस में आ गई. तब तक यूक्रेनी सेना पहुंच चुकी थी. सेना ने एयरपोर्ट को सील कर दिया और सभी को बाहर निकाल दिया. हमारे साथ करीब 50 लोग हैं जो किसी सुरक्षित स्थान पर जाने के प्रयास में जुटे हैं. यूक्रेन में फंसी शाजापुर की खुशी दुबे ने फोन पर माता-पिता को वह के हालात के बारे में जानकारी दी.


टर्नोफिल शहर में रह रहे विदिशा के हर्षित दुबे व अंशुल देशमुख ने बताया कि हालात रोजाना बिगड़ते जा रहे हैं. लोग पलायन की तैयारी में है. एटीएम के बाहर लंबी लाइन लगी है, पैसे निकालने में दो-दो घंटे लग रहे हैं, सरकार ने पैसा निकालने की लिमिट भी कम कर दी. वहीं मध्य प्रदेश CM हेल्पलाइन पर यूक्रेन में 27 विद्यार्थियों (9 मेडिकल शिक्षा, 18 उच्च शिक्षा) के होने की सूचना दर्ज हुई है.




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अलग-अलग जिलों से इतने छात्रों की जानकारी


इसमें भोपाल के 4, इंदौर के 3, धार 3, राइसेन 2 व जबलपुर, छिन्दवाड़ा, मुरेना, नर्मदापुरम. डिंडोरि, ग्वालियर, टीकमगढ़, छतरपुर, खरगोन, देवास, बड़वानी, सागर, बालाघाट, सिहोर  प्रत्येक से 1-1 (कुल 27) सूचनाएं दर्ज हुई हैं. समस्त सम्बन्धित यूक्रेन में वर्तमान में सुरक्षित हैं. उन्हें यूक्रेन में भारतीय दूतावास के लगातार संपर्क में रहने की समझाइश दी गयी है. साथ ही दूतावास की एडवाइजरी का पूर्ण पालन करने हेतु बताया गया है. वर्तमान में यूक्रेन से समस्त हवाई व समुद्री यातायात पूरी तरह से बंद है.


स्टूडेंट्स ने सुनाई आपबीती


एक छात्र ने बताया कि मेरा नाम ऋषिकेश त्रिपाठी है. मैं मूलत: मध्य प्रदेश के शहडोल का रहने वाला हूं. यूक्रेन के वेनीसिया प्रांत में रहकर मेडिकल की पढ़ाई कर रहा हूं. यह शहर कीव प्रांत से करीब 300 किलोमीटर दूर है. कीव में रूस ने मिसाइल हमला किया है. जैसे ही, पता चला कि कीव में अटैक हुआ है, वैसे ही खाने-पीने का सामान खरीद लिया. अभी हालात गंभीर हैं. सभी लोग दहशत में हैं. कीव में अटैक के बाद से डर बढ़ गया. भारत सरकार से अपील है कि हम लोगों को जल्दी निकाला जाए.


अन्य छात्र ने अपील मेरा नाम इशांक त्रिपाठी है. भोपाल के अवधपुरी का रहने वाला हूं. यूक्रेन के वेनीसिया में रहकर पढ़ाई कर रहा हूं. सुबह 6 बजे युद्ध का पता चला. सबसे पहले पानी, खाना इकट्ठा किया. भारत सरकार से मदद नहीं मिल रही है. सिर्फ संपर्क नंबर दिए जा रहे हैं. छात्र ने कहा कि हालात पहले से बदतर होते जा रहे हैं, एयरपोर्ट पर अटैक हो रहे हैं. सुबह साढ़े सात बजे मेरी फ्लाइट थी. वह भी कैंसिल हो गई. डर लग रहा है. भारत सरकार ने टाइम से इंफार्मेशन नहीं डाली. हम लोगों को पोलैंड के रास्ते से भारत सरकार निकाल सकती है. 


वहीं रायसेन की रहने वाली दोनों बहने अंशी उर्फ साक्षी और शिवी पारीख ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर भारत सरकार व मध्य प्रदेश सरकार के सीएम मामा शिवराज सिंह चौहान से मदद मांगी. दोनों बहनें कीव यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में फिलहाल सुरक्षित हैं.


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