Harsha Richhariya News: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में लगे महाकुंभ का आज 10वां दिन है. इस बीच महाकुंभ को लेकर कई चीजें देश और दुनिया में सुर्खियों में हैं, जहां इंदौर की मोनालिसा अपनी सादगी और कत्थई आंखों की वजह से लाइमलाइट में है तो दूसरी तरफ भोपाल निवासी एंकर और मॉडल हर्षा रिछारिया एक साध्वी के रूप में प्रयागराज महाकुंभ में सबके सामने आना विवाद का विषय बन गया है.
दरअसल, हर्षा रिछारिया दो साल पहले तक एंकरिंग-माडलिंग की दुनिया में छाई हुईं थी, लेकिन अब वह धर्म मार्ग पर चल रही हैं. ऐसे उनका साध्वी परिधान में कुंभ में दिखाई देना लोगों को अजूबा लगा. लोग अब यह पूछ रहे हैं कि वो सनातनी नहीं हैं, वो मेकअप करती हैं.
'मैं साध्वी नहीं हूं;
उन्होंने 'शैडो टॉक' को दिए पॉडकास्ट में इन सवालों का जवाब देते हुए कहा, "सनातनी होना और साध्वी होना, दोनों अलग-अलग चीजें हैं. दोनों में जमीन-आसमान का अंतर है. मैं बार-बार सबको स्पष्ट कर रही हूं कि मैं साध्वी नहीं हूं."
हर्षा रिछारिया के मुताबिक, "हमारा सनातन समाज बहुत बड़ा है. उसमें रहकर हम अपने दायरे में कुछ भी कर सकते हैं. मुझे पता है कि मुझे कितनी बाउंड्री सेट करनी है. कहां पर क्रॉस नहीं करनी है."
उन्होंने आगे कहा, "अगर मैं, कल को जींस टॉप पहनकर निकलती हूं तो मैं उसका हक रखती हूं. मैं ऐसा कर सकती हूं. क्योंकि मैं साध्वी नहीं हूं. अभी मैंने साध्वी की कोई औपचारिक दीक्षा नहीं ली है."
'लेंस लगाऊं या मेकअप करूं, मेरी मर्जी'
एंकरिंग और मॉडलिंग को छोड़कर आध्यात्म की राह पर चलने वाली हर्षा रिछारिया का कहना है, "मैं एक नॉर्मल इंसान हूं. साध्वी की शिक्षा दीक्षा नहीं ली है. मंत्र जाप करती हूं. मैं, एक हिंदू इंसान हूं. सनातनी इंसान हूं. इसलिए, मैं लेंस लगाऊं, चेहरे पर मेकअप करूं, लिपस्टिक लगाऊं, जींस-टॉप पहनूं, उससे किसी को ऐतराज नहीं होना चाहिए."
उन्होंने यह भी कहा, "यह कोई मुद्दा नहीं है. क्योंकि मैं एक गृहस्थ इंसान हूं. गृहस्थ इंसान से इस तरह के सवाल बहुत ही बेबुनियाद हैं."
आस्था के महापर्व में हर्षा रिछारिया पर क्यों उठे सवाल?
दरअसल, प्रयागराज के संगम नगर प्रयागराज में 13 जनवरी से महाकुंभ चल रहा है. महाकुंभ 26 फरवरी 2025 तक चलेगा. भारतीय आस्था का महापर्व यानी प्रयागराज महाकुंभ में भक्ति और साधना के तरह-तरह के रंग देखने को मिल रहे हैं. दुनिया भर के लोग महाकुंभ में शामिल हो रहे हैं, लेकिन मध्य प्रदेश के भोपाल की हर्षा रिछारिया ने एंकरिंग-माडलिंग का करियर छोड़कर महाकुंभ में साध्वी का रूप धारण किया तो विवाद खड़ा हो गया.
हर्षा रिछारिया के तौर-तरीकों और पहनावों पर साधु-संतों ने नाराजगी जाहिर की है. हालांकि, कई संतों ने उनका बचाव भी किया. बता दें कि हर्षा का परिवार मूलतः उत्तर प्रदेश के झांसी के मऊरानीगंज से है, लेकिन उनका परिवार वाले पिछले 25 वर्षों से भोपाल रह रहे हैं.