एक्सप्लोरर
Sagar News: नौकरी का लालच देकर धर्मांतरण की कोशिश? कोर्ट ने दंपति को सुनाई सख्त सजा
Sagar News Today: सागर में एक दंपती ने युवक को ईसाई धर्म अपनाने पर नौकरी और 20 हजार प्रतिमाह देने लालच दिया था. ईसाई धर्म अपनाने का दबाव बनाने वाले दंपति को कोर्ट ने सख्त सजा सुनाई है.

सागर कोर्ट ने धर्मांतरण मामले में दंपति को सुनाई सख्त सजा
Source : Vinod Arya
Sagar Conversion Case: मध्य प्रदेश के सागर की एक अदालत ने धर्मांतरण को लेकर एक दंपत्ति को सजा सुनाई है. दंपति पर धर्म परिवर्तन के लिए लालच भरा दबाव बनाने का आरोप था.
न्यायालय सप्तम अपर सत्र न्यायाधीश किरण कोल की अदालत ने धर्मांतरण के प्रयास के एक मामले में आरोपी पति-पत्नी को 2-2 साल की सजा और 25-25 हजार रुपए जुर्माने की सजा से दंडित किया है. आरोपी दंपति ने युवक को ईसाई धर्म अपनाने पर नौकरी के अलावा 20 हजार रुपए प्रतिमाह देने का लालच दिया था. मामला शहर के कैंट थाना क्षेत्र का है. आरोपी आवेदक की पत्नी के रिश्तेदार हैं.
ईसाई धर्म न अपनाने पर पत्नी काे छोड़ने का दबाव बना रहे थे. कोर्ट ने मामले में अभियोजन पक्ष की तरफ से पेश साक्ष्य-सबूत और गवाहों के आधार पर मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2021 की धारा 3 और सहपठित धारा 5 के तहत सजा और जुर्माने से दंडित किया है. मामले की पैरवी करने वाले अपर लाेक अभियाेजक रमन कुमार जाराेलिया ने बताया कि धर्मांतरण के केस में सजा और अधिकतम जुर्माने का सागर में संभवत: यह पहला मामला है.
नौकरी और पैसा देकर धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश
अपर लोक अभियोजक जाराेलिया के अनुसार 40 वर्षीय आरोपी रमेश पिता बाबूलाल मसीह और 40 वर्षीय उसकी पत्नी सखी निवासी विवेक नगर भैंसा थाना कैंट पर आरोप है कि दाेनाें ने 18 अक्टूबर 2021 और उसके पूर्व भैंसा में फरियादी अभिषेक को ईसाई धर्म अपनाने पर नौकरी और 20 हजार रुपए प्रतिमाह देने और ईसाई धर्म स्वीकार न करने पर उसकी पत्नी को फरियादी के साथ न भेजने का दबाव बना रहे थे.
आरोपी उसकी पत्नी को भी ईसाई धर्म अपनाने को कहते थे. जिससे वह भयभीत था. आरोपियों ने उस पर मानसिक दबाव बनाया. जिस पर अभिषेक ने मामले की कैंट थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई. कोर्ट में चालान पेश होने के बाद सुनवाई चली.
कोर्ट ने सुनाई दो-दो साल की सजा
कोर्ट ने माना कि रमेश और सखी ने अभिषेक को न सिर्फ धर्म परिवर्तन करने के लिए प्रलोभन दिया और दबाव डाला है, बल्कि उसकी पत्नी और अन्य को भी ईसाई धर्म अपनाए जाने के लिए प्रोत्साहित किया है. ऐसी दशा में आराेपी रमेश और सखी को अधिनियम की धारा 3 सहपठित धारा 5 के अधीन 2-2 वर्ष के सश्रम कारावास और 25-25 हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया जाता है. अर्थदंड की राशि जमा न किए जाने पर उन्हें व्यतिक्रम में 6-6 माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगताया जाएगा.
अपर लोक अभियोजक जाराेलिया ने बताया कि इस अधिनियम की धारा 3 में अधिकतम 5 साल तक की सजा का प्रावधान है. काेर्ट ने इस केस में अधिकतम 25 हजार का जुर्माना दाेनाें पर अलग-अलग लगाया है. काेर्ट ने इस अपराध काे क्षमा याेग्य नहीं माना.
विपक्षी वकील का तर्क- नरम रुख अपनाया जाए
आरोपियों की तरफ से पैरवी करने वाले वकील ने तर्क दिया कि वह प्रथम अपराधी हैं. उनकी उम्र 40 वर्ष है और यदि उन्हें कारावास की सजा दी जाती है ताे उनके भविष्य पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा, इसलिए उनके प्रति नरम रुख अपनाया जाए. अभियोजन पक्ष के वकील ने कहा कि आरोपी पति-पत्नी ने आवेदक और उसकी पत्नी काे भी धर्म परिवर्तन करने का दबाव बनाया. इसके पुख्ता प्रमाण हैं. दाेनाें काे सजा मिलनी चाहिए.
(विनोद आर्या की रिपोर्ट)
हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें ABP News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ लाइव पर पढ़ें बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, राज्य और खेल जगत, से जुड़ी ख़बरें
और देखें
Advertisement
ट्रेंडिंग न्यूज
Advertisement
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
विश्व
बिहार
बॉलीवुड
आईपीएल
Advertisement


नयन कुमार झाराजनीतिक विश्लेषक
Opinion