Sagar Gaurav Diwas on Dr. Hari Singh Gour Jayanti: सागर विश्वविद्यालय के संस्थापक, दानवीर, कानूनविद और कुलपति डॉ हरिसिंह गौर की जयंती पर 26 नवंबर को सागर जिले की स्थापना का गौरव दिवस मनाया जाएगा. गौर गौरव दिवस को लेकर विश्वविद्यालय और जिला प्रशासन बड़े पैमाने पर तैयारियों में जुटा है. नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह आयोजन की कमान संभाले हैं. गौर गौरव दिवस के आयोजन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल, फिल्म अभिनेता आशुतोष राणा, मुकेश तिवारी, यूजीसी के पूर्व चेयरमैन डी पी सिंह सहित अनेक हस्तियां शामिल हो रही हैं. 


सागर गौरव दिवस के लिए 63 लाख का जनसहयोग


नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने आज एक समीक्षा बैठक में बताया कि आयोजन के लिए विभाग से 2 करोड़ रुपए मंजूर  किए हैं. उन्होंने कहा कि सागर गौरव दिवस के आयोजन का पूरा खर्च मध्यप्रदेश सरकार उठा सकती है लेकिन गैर राजनैतिक आयोजन को को हम सागर की जनता का उत्सव बनाना चाहते हैं. इसके लिए जरूरी है कि सभी को अपनी स्वेच्छा अनुसार जन सहयोग का अवसर मिले. बैठक में आए नगर के गणमान्य नागरिकों और जिले भर की संस्थाओं ने जनसहयोग के रूप में 42 लाख रुपए से अधिक की धनराशि एकत्रित की. अभी तक जनसहयोग से कुल 63 लाख जुटाए गए हैं.


मुख्यमंत्री शिवराज भी रहे हैं विश्वविद्यालय के छात्र


मंत्री ने कहा कि आयोजन में डॉ गौर साहब के सागर विश्वविद्यालय से पढ़ कर निकले, देश में नाम कमा चुके और उच्च पदों तक पहुंचे सभी प्रभावशाली लोगों को बुलाया जा रहा है. सागर के सभी गौरवों को समारोह में सम्मानित किया जाएगा. मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद भी सागर विश्वविद्यालय के दर्शनशास्त्र विभाग से पोस्ट ग्रेजुएट होकर निकले हैं. इसलिए छात्र जीवन से ही डॉ गौर के विषय में पूरी जानकारी रखते हैं.


मुख्यमंत्री की इच्छा थी कि डॉ गौर की जयंती को सागर गौरव दिवस के रूप में भव्यता से मनाने की परंपरा डाली जाए. आयोजन में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री अपनी तमाम व्यस्तताओं को छोड़ कर सागर आ रहे हैं और तीन घंटे से ज्यादा समय तक आयोजन में रहेंगे. भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि सागर जिले की तरक्की में सागर के तीन गौरव का सम्मान हम सभी को हमेशा करना चाहिए. उन्होंने कहा कि सागर के तीन गौरव में सर्वप्रथम डॉ सर हरीसिंह गौर हैं.


उन्होंने अपना सर्वस्व दान कर शिक्षा का मंदिर स्थापित किया. दया की दृष्टि से लाखा बंजारा हैं. उन्होंने सब कुछ त्याग कर सागर को लाखा बंजारा झील दी. इसी कड़ी में पूर्व कलेक्टर बीआर नायडू हैं. उन्होंने लाखा बंजारा झील का जीर्णोद्धार करने के साथ पेयजल संकट से उबारने के लिए सागर की जीवन रेखा के स्वरूप राजघाट का निर्माण कराया. उन्होंने कहा कि डॉ गौर साहब के ऋणी प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से सागर का हर एक परिवार है.


ऐसे महान दानी की जयंती के गौरव दिवस पर सभी सागर वासी अपने घरों में सजावट करें, रंगोली सजाएं, दीपोत्सव मनाएं और दिवस को सागर की दीवाली का रूप दें. बैठक को सांसद राजबहादुर सिंह, विधायक शैलेंद्र जैन, महापौर प्रतिनिधि सुशील तिवारी और कलेक्टर दीपक आर्य ने संबोधित किया. डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर के संस्थापक महान शिक्षाविद् एवं मशहूर विधिवेत्ता, संविधान सभा के सदस्य एवं दानवीर डॉ. सर हरीसिंह गौर के 153वें जन्म दिवस के उपलक्ष्य में 20 नवंबर से 26 नवंबर तक ‘गौर उत्सव’ 2022 का आयोजन किया जा रहा है.


विश्वविद्यालय में सात दिन होंगे आयोजन


इस संबंध में विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने कहा कि विश्वविद्यालय सात दिनों तक विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है. सागर शहर और विश्वविद्यालय परिवार अपने पितृ पुरुष की जयन्ती को मिल जुलकर उत्साहपूर्वक एक उत्सव के रूप में मनायेगा. उन्होंने कहा कि डॉ. गौर के संकल्प और सपनों को साकार करना हमारा दायित्व है. गौर उत्सव को यादगार बनाने के उद्देश्य से पूरे सप्ताह कई अकादमिक-सांस्कृतिक गतिविधियां आयोजित की जायेंगी.


इस बार मध्य प्रदेश शासन गौर जयंती को ‘सागर गौरव उत्सव’ के रूप में मनाने जा रहा है. आयोजन में मध्य प्रदेश के  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का भी कार्यक्रम प्रस्तावित है. हम सभी मिलकर आयोजन को भव्य तरीके से मना रहे हैं. सागर में 26 नवंबर 1870 को जन्मे डॉ हरिसिंह गौर विधिवेता, समाज सुधारक, शिक्षा शास्त्री के रूप में देश और विदेशों में विख्यात रहे हैं. उन्होंने हिंदू कोड बिल, हिंदू मैरिज एक्ट सहित अनेक कानून की किताबें लिखीं. उनका निधन 25 दिसंबर 1949 को हुआ था. उनके प्रयास से ही महिला को वकालत का अधिकार मिला.


भारतीय संविधान निर्माण सभा के सदस्य रहे डॉ गौर ने सुप्रीम कोर्ट की अवधारणा रखी थी. उन्होंने 18 जुलाई 1946 में देश के 16वें विश्वविद्यालय की स्थापना सागर में की थी. बाद में सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दर्जा मिला. डॉ गौर ने विश्वविद्यालय को स्थापित करने में उस समय दो करोड़ रुपए दान दिया था. सागर विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति रहे डॉ गौर दिल्ली विश्वविद्यालय के भी संस्थापक कुलपति रहे. इसके अलावा नागपुर विश्वविद्यालय के कुलपति भी रहे. डॉ गौर को भारत रत्न दिलाने के लिए लंबे समय से मांग चल रही है. अब भारत रत्न की मांग जोरों पर है.  


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