Sagar News: सागर के बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में चरम पर पहुंची लापरवाही, बुखार में ही कर दिया बच्ची का ऑपरेशन, दोनों आंखों से दिखना हुआ बंद
MP News: डॉक्टरों ने अपनी गलती परिजनों पर डाल दी है कि उन्होंने बताया नहीं कि बच्ची को बुखार था. जबकि ऑपरेशन से पहले दर्जनों जांचें करवाई गई थीं. डीन ने कहा कि एनस्थीसिया से हुआ है यह कॉम्प्लिकेशन.
Sagar News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में सरकारी मेडिकल कालेजों (Government Medical College) में इलाज को लेकर बदहाल स्थिति है. इसका एक उदाहरण सागर के बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज (Bundelkhand Medical College) में सामने आया है. मेडिकल कॉलेज के हड्डीरोग विभाग में सात साल की एक बच्ची के पैर के दूसरे ऑपरेशन के दौरान लापरवाही का मामला सामने आया है. लापरवाही का खामियाजा अब बच्ची भुगत रही है. बच्ची की दोनों आंखों से दिखना बंद हो गया है. अब डॉक्टर अपनी गलती को छिपाने के लिए उसे जबरन भोपाल ले जाने का दबाव बना रहे हैं. वहीं मेडिकल प्रशासन इस लापरवाही को स्वास्थ्य सम्बंधी कमजोरी बता रहा है.
डॉक्टरों ने अनसुना कर दिया
प्राप्त जानकारी के मुताबिक बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में तीन महीने पहले एक एक्सीडेंट में घायल हुई 7 साल की रिया के एक पैर का ऑपरेशन कर घुटने से जांघ के बीच रॉड (इम्प्लांट) किया गया था. करीब नौ दिन पहले गुरुवार को उसको दोबारा से भर्ती कर दूसरा ऑपरेशन होना था. इसमें उसके पैर में हड्डी जुडने के बाद रॉड (इम्प्लांट) निकाला जाना था. उसे बुखार आ रहा था. यह बात रात में स्टाफ को बताई गई थी, लेकिन उन्होंने अनसुना कर दिया. सुबह डॉक्टरों ने उसका ऑपरेशन कर दिया. सुबह नौ बजे से 11 बजे तक ऑपरेशन चला. लेकिन उसे ऑपरेशन थियेटर से बाहर नहीं लाए. दोपहर बाद उसे सीधे बच्चों के आईसीयू में भर्ती कराया गया.
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होश आया तो दिखना बंद हो गया
मरीज रिया लोधी की मां सविता लोधी ने बताया कि डॉक्टरों ने ऑपरेशन के दौरान लापरवाही की है. वह बुखार में थी और उसका ऑपरेशन कर दिया गया. बेटी को जब दो दिन बाद होश आया तो उसे कुछ भी दिख नहीं रहा था. वह हमें पहचान नहीं रही थी. 9 दिन बाद उसको करीब एक फीट के पास का हल्का-हल्का दिखना शुरू हुआ है, लेकिन यह बहुत काफी कम हैं. वह घबरा भी रही है.
मां बेटी का बुरा हाल
रिया की मां सविता के अनुसार शुक्रवार को ऑपरेशन थिएटर से जब डॉक्टर चार घंटे तक बेटी को बाहर नहीं लाए तो स्टाफ और डॉक्टरों से पूछा. इसपर बताया गया कि ऑपरेशन तो ठीक हो गया, बच्ची के दिल की धडकन, पल्स बंद हो गई थी, बमुश्किल से उसे वापस लाए हैं. वहीं डॉक्टरों ने अपनी गलती उल्टे परिजनों पर डाल दी कि आप लोगों ने बताया नहीं कि बच्ची को बुखार था. जबकि ऑपरेशन से पहले दर्जनों जांचे कराते हैं. इस हादसे के बाद मां बेटी का बुरा हाल है.
यह एक काप्लिकेशन है : डीन
मेडिकल कालेज के डीन डॉक्टर आरएस वर्मा ने बताया कि यह एक प्रकार का कॉम्प्लिकेशन है जो एनस्थीसिया से हुआ है. ऑपरेशन के दौरान बच्ची को छीक आने से ब्रेन में ब्लड क्लॉटिंग है, इस कारण रोशनी कम हुई है. रिया की आंखों की रोशनी चली गई. यह मामला मेरी जानकारी में आया है. पैर का ऑपरेशन के दौरान लापरवाही जैसी कोई बात नहीं है. बच्ची की एमआरआई कराई है, उसमें ब्रेन में ब्लड क्लॉटिंग हो गई है. उसका इलाज चल रहा है.