Sagar News: मध्य प्रदेश के प्राइवेट स्कूल में 'जय श्रीराम' बोलने पर बच्चे सस्पेंड, बाल संरक्षण आयोग ने जारी किया नोटिस
Sagar News: स्कूल ने सफाई पेश करते हुए बताया कि बच्चों का सस्पेंशन किसी और मामले में किया गया था. हालांकि, बाल संरक्षण आयोग ने स्कूल प्रशासन द्वारा दिए गए जवाब को 'लीपापोती' करार दिया है.
Sagar News: ईसाई मिशनरीज के खिलाफ बीजेपी और हिन्दू संगठन मुखर हैं. ताजा मामला मध्य प्रदेश के सागर स्थित सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल का है. स्कूल में 10वीं के स्टूडेंट्स ने लंच ब्रेक के दौरान 'जय श्रीराम' के नारे लगाए. आरोप है कि मामला संज्ञान में आने के बाद स्कूल मैनेजमेंट ने स्टूडेंट्स को सस्पेंड कर दिया है. इतना ही नहीं, उनसे माफीनामा तक लिखवा लिया गया.
मामला राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के पास पहुंचा तो एक्शन लेते हुए कलेक्टर ने स्कूल को नोटिस जारी कर दिया. इस मामले से हड़कंप मचा हुआ है. एबीवीपी और हिन्दू संगठनों ने आज स्कूल के बाहर जमकर प्रदर्शन किया. उधर कलेक्टर ने तीन सदस्यीय कमेटी बनाकर जांच शुरू कराई. इसके बाद स्कूल प्रबंधन ने अपनी सफाई में 'जय श्रीराम' के नारे के बजाय छात्रों को सस्पेंड करने का कोई दूसरा कारण बताया. स्कूल प्रबंधन और प्रशासन की तात्कालिक जवाब को राज्य बाल सरंक्षण आयोग ने 'लीपापोती' ठहराया है.
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के नोटिस से मामला बढ़ा
सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल में जय श्री राम बोलने पर हुई कार्रवाई पर शनिवार को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने सागर जिले के कलेक्टर दीपक आर्य और जिला शिक्षा अधिकारी को नोटिस जारी किया. इसमें एक मीडिया खबर का हवाला देते हुए कहा गया है कि सागर जिले में मिशनरी स्कूल सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल में जय श्रीराम बोलने पर डेढ़ दर्जन छात्रों के सस्पेंड किए जाने का मामला संज्ञान में आया है. बाकियों से माफीनामा लिखवाया गया.
एनसीपीआर अध्यक्ष ने कलेक्टर को मामले में जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. वहीं, एबीवीपी और हिंदू संगठनों ने इसका विरोध किया है.
इस मामले को लेकर सोमवार को हिन्दू संगठनों और एबीवीपी ने कॉन्वेंट स्कूल के बाहर प्रदर्शन किया और कार्रवाई की मांग की. प्रदर्शन की सूचना मिलते ही सुबह से भारी पुलिस बल स्कूल के बाहर तैनात रहा. एबीवीपी के प्रदेश मंत्री आशुतोष तिवारी के मुताबिक, अभिक्यति का अधिकार सभी को है. इस स्कूल को बंद करना चाहिए. अगर स्कूल पर कार्रवाई नहीं होगी हो उग्र प्रदर्शन किया जाएगा।
उधर नोटिस के बाद जांच करने पहुंचे जिला शिक्षा अधिकारी अखिलेश पाठक के अनुसार कुछ बच्चे स्कूल के प्रतिबंधित क्षेत्र में पहुंच गए थे, जिसके कारण कॉन्वेंट स्कूल प्रबंधन ने यह एक्शन लिया.
बच्चो ने की हूटिंग
इधर मामले में स्कूल प्रबंधन बचाव की मुद्रा में दिख रहा है. कॉन्वेंट स्कूल की प्रिंसिपल सिस्टर मोली का कहना है कि शुक्रवार को कुछ स्टूडेंट्स एक विंग से दूसरी विंग में गए थे. बच्चों को इसकी अनुमति नहीं है. उनको टीचर ने 'गो बेक' कहते हुए वापस जाने के लिए बोला तो स्टूडेंट्स हूटिंग करते हुए चले गए थे. इसपर टीचर की रिपोर्ट पर एक स्टूडेंट के खिलाफ कार्रवाई की गई है. उन्होंने कहा कि बाल आयोग का नोटिस मुझे नहीं मिला है.
स्कूल प्रबंधन और प्रशासन कर रहा है लीपा पोती: ओंकार सिंह
मध्य प्रदेश बाल संरक्षण आयोग के सदस्य ओंकार सिंह ने बताया कि कॉन्वेंट स्कूल से इस तरह की अनेक शिकायतें मिली हैं, जिनकी जांच की जा रही है. जय श्रीराम वाले मामले में कलेक्टर को जांच के निर्देश दिए गए हैं. स्कूल प्रबंधन और प्रशासन के बयानों के मुताबिक, लीपापोती की जा रही है और वास्तविक स्थिति को छिपाया जा रहा है.
कलेक्टर के निर्देश पर जांच शुरू
बाल संरक्षण आयोग की सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल के खिलाफ शिकायत के बाद कलेक्टर दीपक आर्य के निर्देश पर पूरे मामले की जांच शुरू हो गई है. अनुविभागीय अधिकारी SDM एवं सिटी मजिस्ट्रेट श्रीमती सपना त्रिपाठी, जिला शिक्षा अधिकारी अखिलेश पाठक और नगर पुलिस अधीक्षक CSP केपी सिंह ने जांच शुरू कर दी है.
एसडीएम सपना त्रिपाठी के अनुसार, टीचर और स्टूडेंट्स से चर्चा की है. मामला अनुशासनहीनता से जुड़ा है. अभी कुछ और बच्चों के बयान लिए जाएंगे. इसकी पूरी रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपी जाएगी. जो भी दोषी होगा, कार्रवाई की जाएगी.
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