MP News: मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के एकमात्र निर्दलीय विधायक कमलेश्वर डोडियार में डॉक्टर से हुए विवाद के बाद दर्ज हुई एफआईआर और भारतीय जनता पार्टी सरकार के खिलाफ 11 दिसंबर को सड़क पर उतरने का ऐलान कर दिया है.
उन्होंने समर्थकों से भी अपील की है कि रतलाम में बड़े पैमाने पर पहुंचकर उनके खिलाफ की जा रही गलत कार्रवाई का विरोध दर्ज करवाए. दूसरी तरफ रतलाम कलेक्टर ने प्रतिबंधात्मक आदेश जारी कर दिया है. इसके बाद रतलाम में कोई भी धरना या प्रदर्शन एसपी, कलेक्टर कार्यालय परिसर में नहीं किया जा सकेगा.
उल्लेखनीय है कि 2 दिन पहले रतलाम के सरकारी अस्पताल में डॉक्टर के साथ विवाद के बाद सैलाना विधायक कमलेश्वर डोडियार सहित चार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. इसी घटना के विरोध में 11 दिसंबर को निर्दलीय विधायक कमलेश्वर डोडियार में रतलाम में आंदोलन करने का फैसला लिया है. उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से अपने समर्थकों को रतलाम आमंत्रित कर लिया है.
दूसरी तरफ रतलाम कलेक्टर राजेश बाथम में प्रतिबंधात्मक आदेश जारी करते हुए कहा है कि एसपी और कलेक्टर कार्यालय में 100 मीटर तक कोई भी धरना, आंदोलन या प्रदर्शन नहीं हो सकेगा. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत यह प्रतिबंध लगाया गया है. इस संबंध में रतलाम पुलिस अधीक्षक कार्यालय में जिला प्रशासन की ओर से प्रतिवेदन दे दिया गया है. इस प्रतिवेदन में यह भी कहा गया है कि यदि कोई नियम का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ प्रकरण दर्ज किया जाएगा.
निर्दलीय विधायक कमलेश्वर डोडियार ने क्या कहा ?
मध्य प्रदेश के एकमात्र निर्दलीय विधायक कमलेश्वर डोडियार ने 11 दिसंबर की सुबह 11:00 बजे रतलाम में महा आंदोलन की तैयारी समर्थकों को करने को कहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि रतलाम में चिकित्सक ने उन पर हमला किया और बीजेपी सरकार ने उन पर ही मुकदमा दर्ज कर लिया.
इसके अलावा कलेक्टर राजेश बाथम द्वारा दिए गए आदेश को लेकर भी निर्दलीय विधायक में कहा है कि धारा 163 के तहत दिए गए एक पक्षीय आदेश को निरस्त करने के लिए संविधान की धारा 19 तथा सुप्रीम कोर्ट के आंदोलन संबंधी फैसले और सामान्य प्रशासन विभाग के शासन के आदेश का अवलोकन अधिकारियों को करना होगा. इस संबंध में उनके द्वारा कलेक्टर को चिट्ठी भी लिखी गई है.
यह है पूरा मामला
सेलाना विधायक कमलेश्वर डोडियार 2 दिन पहले रतलाम के जिला अस्पताल में किसी से मिलने के लिए पहुंचे थे. इस दौरान ड्यूटी डॉक्टर के बारे में जानकारी लेने के दौरान डॉक्टर सीपीएस राठौर से उनका विवाद हो गया. इसके पश्चात दोनों ही पक्षों ने स्टेशन रोड थाने में एक दूसरे के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है. विधायक के खिलाफ डॉक्टर एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज हुआ है जबकि डॉक्टर के खिलाफ अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण अधिनियम के तहत प्रकरण पंजीबद्ध हुआ है.
ये भी पढ़ें: मध्य प्रदेश में पल्स पोलियो अभियान आज से, इन 16 जिलों में 8 दिन तक चलेगा कैंपेन