Saints Protest Ended in Ujjain: उज्जैन में शिप्रा तट पर बैठे साधु-संतों का धरना समाप्त हो गया है. मंत्री और कलेक्टर से मिले आश्वासन के बाद उन्होंने धरना खत्म करने का एलान किया. शिप्रा नदी का शुद्धिकरण और उज्जैन को पवित्र नगरी घोषित करने की मांग को लेकर दो अलग-अलग आंदोलन चल रहे थे. उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव और कलेक्टर आशीष सिंह के आश्वासन के बाद साधु संतों ने अनशन समाप्त कर दिया. इंदौर से आने वाली खान नदी का जल उज्जैन की शिप्रा नदी में लगातार मिल रहा है, जिससे शिप्रा नदी प्रदूषित हो रही है.


मंत्री और कलेक्टर से मिले आश्वासन के बाद साधु-संतों का धरना खत्म


साधु संत लगातार नदी के शुद्धिकरण की मांग उठाते रहे हैं. इस बार आर पार की लड़ाई का मन बना कर मैदान में उतर गए. जूना अखाड़े के साधु-संतों की अगुवाई में दत्त अखाड़ा घाट पर साधु-संतों ने धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी कड़ी चेतावनी दी गई. साधु संत के धरने को देखते हुए उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव और कलेक्टर आशीष सिंह घाट पर पहुंचे. उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने आश्वासन दिया है कि 1 सप्ताह में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात करवाकर शिप्रा नदी के प्रदूषण को कम करने की दिशा में सकारात्मक प्रयास किए जाएंगे.


इसके अलावा कलेक्टर आशीष सिंह ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए भी मुख्यमंत्री से साधु संतों की बातचीत करवाने का आश्वासन दिया. जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से मिले आश्वासन के बाद साधु-संतों ने धरना वापस ले लिया. दूसरी तरफ महामंडलेश्वर ज्ञानदास महाराज भी उज्जैन को पवित्र नगरी घोषित करने की मांग को लेकर अनशन कर रहे थे. उन्होंने भी अनशन समाप्त करने की घोषणा कर दी है. महंत रामदास महाराज ने बताया कि जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को 15 दिन का समय दिया गया है. 15 दिन के भीतर अगर खान नदी का जल शिप्रा में मिलने से नहीं रोका गया तो आंदोलन फिर शुरू हो जाएगा. इसके बाद का आंदोलन किसी भी कीमत पर नहीं रोका जाएगा.


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