Chintaman Ganesh Temple Ujjain: माघ माह की संकष्टी चतुर्थी को उज्जैन के चिंतामन गणेश मंदिर में दर्शन का विशेष महत्व माना जाता है. संकष्टी चतुर्थी पर मंदिर में छप्पन भोग लगाया गया. इसके अलावा यहां पर भक्तों का तांता लग लगा हुआ है. चिंतामण गणेश मंदिर में भगवान श्री गणेश के तीन रूपों के एक साथ दर्शन होते हैं.


चिंतामण गणेश मंदिर के पुजारी पंडित गणेश शर्मा का कहना है कि तिल चतुर्थी अर्थात संकष्टी चतुर्थी पर भगवान श्री गणेश के दर्शन का शास्त्रों में विशेष महत्व बताया गया है. स्कंद पुराण की अवंतिका खंड के मुताबिक उज्जैन में संकष्टी चतुर्थी पर भगवान श्री गणेश का आशीर्वाद लेने से सारे विघ्न और बाधाएं दूर हो जाते हैं. परिवार पर सारा संकट दूर हो जाता है. 


महिलाएं रखती है उपवास
इसी वजह से आज चिंतामण गणेश मंदिर पर भक्तों का तांता लगा हुआ है. चिंतामण गणेश मंदिर पर भगवान श्री गणेश को 56 भोग लगाए गए हैं.  यहां आने वाले श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में लड्डू वितरित किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि आज के दिन महिलाएं उपवास रखती है और चंद्रमा के दर्शन के बाद ही अन्न ग्रहण करती हैं. इस उपवास और पूजा अर्चना से परिवार में सुख, शांति और समृद्धि होती है तथा संकट का नाश होता है.


वनवास के दौरान श्री राम ने की थी स्थापना
मंदिर के पुजारी जयंत गुरु के मुताबिक भगवान श्री राम, लक्ष्मण और सीता वनवास के दौरान उज्जैन आए थे. यहां पर उन्होंने भगवान श्री गणेश की स्थापना की थी. भगवान श्री राम ने मंदिर में चिंतामण गणेश की स्थापना की थी जबकि लक्ष्मण ने सिद्धिविनायक गणेश को स्थापित किया था इसी तरह माता सीता ने इच्छा मन गणेश की स्थापना की थी. चिंतामण गणेश मंदिर में भगवान श्री गणेश के तीनों रूपों का एक साथ दर्शन होते हैं.


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