Salim Durani Death: सलीम दुर्रानी ने जबलपुर से की थी फरमाइश पर छक्का मारने की शुरुआत, यहीं से मिली थी टेस्ट टीम में जगह
Jabalpur News: सलीम दुर्रानी ने लांस गिब्स जैसे तूफानी गेंदबाज की गेंद पर चौके-छक्के जड़े. उन्होंने जबलपुर की सरजमीं पर दर्शकों के ऑन डिमांड छक्का मारने की शुरुआत की थी, जो बाद में उनकी विशिष्टता बनी.
Salim Durani Death: मशहूर भारतीय क्रिकेट आलराउंडर सलीम दुर्रानी 88 की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया. उन्हें भारतीय क्रिकेट के सबसे स्टाइलिश खिलाड़ी के रूप में जाना जाता था. इसलिए उन्हें लोग 'प्रिंस सलीम' भी कहते थे. सलीम दुर्रानी संस्कारधानी जबलपुर के भी दिल में बसे हैं.
खेल समीक्षक पंकज स्वामी बताते हैं कि भारत के लिए 1960 में टेस्ट क्रिकेट खेलने से पूर्व सलीम दुर्रानी ने मेहमान वेस्टइंडीज की टीम के खिलाफ सेंट्रल जोन की ओर से तीन दिवसीय मैच खेला था. यह मैच जबलपुर में कैंट क्षेत्र के गैरीसन मैदान पर 6 से 8 दिसंबर 1958 को खेला गया. वेस्टइंडीज टीम से हंट, रामाधीन, हॉल्ट, एटकिनसन, लांस गिब्स, सोलोमन, रोड्रिग्ज जैसे धुरंधर खिलाड़ी थे. सेंट्रल जोन की टीम कमजोर मानी जाती थी.
खेली 80 रन की पारी
सेंट्रल जोन की ओर से वीनू मांकड, हनुमंत सिंह, हीरा लाल गायकवाड़ व चंदू सर्वटे जैसे अनुभवी और सलीम दुर्रानी व प्रकाश नायडू जैसे नवोदित खिलाड़ी थे. प्रकाश नायडू सीके नायडू के बेटे थे. बकौल पंकज स्वामी इस मैच में सेंट्रल जोन की ओर से सबसे सफल बल्लेबाज सलीम दुर्रानी रहे. उन्होंने 80 रन की सफल पारी खेली. उन्होंने लांस गिब्स जैसे तूफानी गेंदबाज की गेंद पर चौके-छक्के जड़े. सलीम दुर्रानी ने जबलपुर की सरजमीं पर दर्शकों के ऑन डिमांड छक्का मारने की शुरुआत की थी, जो बाद में उनकी विशिष्टता बनी.
इस मैच में सलीम दुर्रानी ने सेंट्रल जोन की ओर से विकेटकीपर की भूमिका भी निभाई थी. जबलपुर का में दिखाया उत्कृष्ट प्रदर्शन बाद में सलीम दुर्रानी के लिए भारतीय टेस्ट टीम में प्रवेश का मजबूत आधार बना. जबलपुर के क्रिकेटप्रेमी उनको दिल से चाहते थे.
सलीम दुर्रानी ने निभाई अहम भूमिका
वे पहले अर्जुन अवार्डी क्रिकेटर रहे. सलीम दुर्रानी ने देश के लिए खेलने के अलावा रणजी ट्राफी में राजस्थान, गुजरात व सौराष्ट्र का प्रतिनिधित्व किया. भारतीय टेस्ट टीम में चयन के बाद सलीम दुर्रानी ने पीछे मुड़ कर नहीं देखा. 1971 में वेस्टइंडीज दौरे में सलीम दुर्रानी ने भारत को टेस्ट मैच में विजयी बनाने में कमाल की भूमिका निभाई थी. उन्होंने क्लाइव लॉयड व गैरी सोबर्स का विकेट लिया. दुर्रानी ने 17 ओवर में सिर्फ 21 रन दे कर किफायती गेंदबाजी की. 1973 में टेस्ट क्रिकेट से रिटायर होने के बाद सलीम दुर्रानी ने परवीन बॉबी के साथ 'चरित्र' फिल्म में हीरो की भूमिका भी निभाई. सलीम दुर्रानी रणजी ट्राफी में राजस्थान की ओर से कई सालों तक खेलते रहे.
खड़े होकर बजाइ तालियां
18 से 20 दिसंबर 1976 को सलीम दुर्रानी फिर एक बार जबलपुर की जमीन पर खेलने उतरे. यह मध्यप्रदेश व राजस्थान के बीच रणजी ट्राफी का एक महत्वपूर्ण मैच था. मध्यप्रदेश की ओर से योगेन्द्र जगदाले, संजय जगदाले, गुलरेज अली जैसे खिलाड़ी थे. जबलपुर के श्रवण भाई पटेल को रणजी ट्राफी में खेलने का मौका पहली बार मिला था. राइट टाउन स्टेडियम में दर्शकों की निगाहें पूरे समय सलीम दुर्रानी पर टिकी रही. हालांकि, 42 वर्षीय दुर्रानी बल्लेबाजी में कुछ खास नहीं कर पाए लेकिन उत्कृष्ट गेंदबाजी करते हुए उन्होंने दस ओवर में सिर्फ 18 रन दिए. इस मैच की समाप्ति पर सलीम दुर्रानी के पवेलियन लौटते वक्त जबलपुर के क्रिकेटप्रेमियों ने खड़े हो कर तालियां बजाते उनके प्रति सम्मान व्यक्त किया था.
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