MP Congress Leaders In BJP: मध्य प्रदेश में इंदौर के दो अमीर पूर्व विधायकों ने शनिवार (9 मार्च) को अंततः बीजेपी का दामन थाम लिया. शनिवार को भोपाल बीजेपी मुख्यालय में कांग्रेस के बड़े नेता सुरेश पचौरी के साथ आधा दर्जन नेताओं को बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीजेपी का अंगवस्त्र पहनाकर पार्टी की सदस्यता दिलवाई. इनमें इंदौर से कांग्रेस के दो पूर्व विधायक विशाल पटेल और संजय शुक्ला का नाम शुमार है. आईए जानते हैं क्या है दोनों नेताओं का सियासी सफर.
कहा जाता है कि आखिर कोई तो मजबूरी रही होगी, यूं ही कोई बेवफा नहीं होता. 9 मार्च को भोपाल में जब सुरेश पचौरी बीजेपी में शामिल हो रहे थे तो उन्होनें एक बात कही. उन्होंने कहा कि होई है वही जो राम रचि राखा. यानी वही होना है जो राम ने रचकर रख दिया है. लेकिन कांग्रेस के परिप्रेक्ष्य में ये चौपाइयां फिट नहीं बैठ रहीं क्योंकि उनकी मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं.
विजयवर्गीय के सामने चुनाव लड़ चुके संजय शुक्ला
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में विधानसभा क्रमांक एक से बीजेपी ने कैलाश विजयवर्गीय को अपना प्रत्याशी बनाकर उतारा था. वहीं, उनके सामने तत्कालीन विधायक रहे संजय शुक्ला को कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी बनाया गया था. ये चुनाव पूरे देश में चर्चा का विषय बना था क्योंकि कांग्रेस से सबसे अमीर विधायकों में शुमार संजय के सामने बीजेपी के कद्दावर नेता उतरे थे. इस चुनाव में विजयवर्गीय ने शुक्ला को 50 हजार वोटों से मात दी थी. 9 मार्च को बीजेपी में शामिल कराने के दौरान कैलाश विजयवर्गीय ने मजाकिया अंदाज में भरे मंच पर संजय शुक्ला से बोले, ''तेरी गाली सुनी और अब तुम्हे बीजेपी में शामिल करा रहा हूं.''
संजय शुक्ला के पास कितनी संपत्ति?
बताया जाता है कि संजय शुक्ला ने भारत जोडों यात्रा 01 में यात्रियों का खाने का पूरा खर्च उठाया था. संजय शुक्ला की घोषित संपत्ति ही 200 करोड़ से अधिक है. संजय शुक्ला के पिता विष्णुप्रसाद शुक्ला बीजेपी के बड़े नेता रहे और उन्हें मजदूरों के नेता के तौर पर भी जाना गया. इधर शुक्ला परिवार से ही गोलू शुक्ला फिलहाल तीन नंबर विधानसभा से बीजेपी विधायक हैं.
देपालपुर से विधायक रहे विशाल पटेल
मालवा रीजन में विशाल जगदीश पटेल बड़े कद के नेता हैं. विशाल पटेल के पिता जगदीश पटेल देपालपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक रहे. तब के लोग उनकी कार्यशैली से बहुत प्रभावित थे. विशाल पटेल ने अपने पिता के साथ काम करना शुरू किया. 1979 में जन्मे विशाल पटेल 2018 में पहली बार विधायक बने. वहीं 2023 के चुनाव में वे बीजेपी के मनोज पटेल से चुनाव हार गए.
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