जबलपुर: नर्मदा (Narmada) नदी को प्रदूषण से मुक्त रखने के काम में आम नागरिकों को सहभागी बनाने के लिए मध्य प्रदेश जन अभियान परिषद की ओर से संत-महात्माओं के मार्गदर्शन में स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाया जाएगा. अभियान के तहत स्वच्छता के कार्यक्रमों के साथ-साथ, दीवार लेखन और साहित्यिक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. यह निर्णय कलेक्टर डॉक्टर इलैयाराजा टी की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित बैठक में लिया गया. 


कलेक्टर ने क्या-क्या कहा


कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने कहा कि नर्मदा नदी को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए चिन्हित स्थानों पर समाज और शासन की सहभागिता से वृहद वृक्षारोपण अभियान चलाया जाएगा. उन्होंने इसके लिए ग्रामीण क्षेत्र में जिला पंचायत की सीईओ तथा नगर निगम क्षेत्र में नगर निगम आयुक्त को कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं. बैठक में नर्मदा नदी के किनारे किसानों को जैविक और प्राकृतिक खेती के लिए प्रोत्साहित किये जाने का निर्णय लिया गया. बैठक में कहा गया कि जैविक एवं प्राकृतिक खेती के लिए किसानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा और उनके उत्पादों की ब्रांडिंग एवं मार्केटिंग भी की जाएगी.


बैठक में कहा गया कि नर्मदा नदी के जिले में स्थित प्रमुख घाटों को साफ-सुथरा रखने नियमित तौर पर साफ-सफाई की जाएगी. घाटों पर पॉलीथिन की थैलियों के इस्तेमाल पर लगे प्रतिबंधों का कड़ाई से पालन कराया जाएगा. इसके साथ ही नदी के दोनों ओर के तटों पर 300 मीटर के दायरे में सघन वृक्षारोपण किया जाएगा और नर्मदा तट पर खेती कर रहे किसानों को फलदार पौधे लगाने प्रोत्साहित किया जाएगा.


किन किन विषयों पर हुआ विचार विमर्श


बैठक में नर्मदा नदी की सहायक नदियों का संरक्षण और संवर्धन करने का निर्णय लिया गया. नर्मदा नदी के परिक्रमा पथ पर पौधारोपण और परिक्रमावासियों के रुकने के लिए प्रत्येक 15 किलोमीटर पर सामुदायिक भवन के निर्माण की कार्ययोजना तैयार करने की बात कही गई. बैठक में ग्वारीघाट में बन रहे प्रवेश द्वार का निर्माण कार्य शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं. इसके साथ ही जिले में स्थित नर्मदा नदी के घाटों को धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने और नर्मदा नदी के संरक्षण और संवर्धन हेतु प्रशासनिक अधिकारियों व धार्मिक और सामाजिक व्यक्तियों को सदस्य के तौर पर शामिल कर कोर ग्रुप के गठन करने पर भी विचार विमर्श किया गया. 


इस बैठक में स्वामी गिरिशानंद महाराज के नर्मदा तट पर बसे ग्वारीघाट का नाम गौरीघाट रखने के सुझाव पर कलेक्टर ने जिला योजना समिति की आगामी बैठक में इस आशय का प्रस्ताव रखने की बात कही. बैठक में जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष डाक्टर जितेंद्र जामदार ने कहा कि नर्मदा जी की निर्मलता एवं अविरल प्रवाह अत्यंत आवश्यक है और यह हम सभी के अस्तित्व से जुड़ा विषय है. इस पर मुख्यमंत्री ने हाल ही में आयोजित अमरकंटक में नर्मदा सेवा मिशन की मीटिंग में 21 विभागों की कार्य योजना और किए गए कार्यों के एक-एक विषय पर चर्चा की है. 5 जून विश्व पर्यावरण दिवस पर वृहद कार्यक्रम आयोजित करने के साथ ही सीएसआर एवं अन्य सामाजिक सहयोग से नर्मदा की निर्मलता का अभियान चलाया जाएगा.


रोड के चौड़ीकरण का सुझाव


बैठक में विधायक अशोक रोहाणी ने ग्वारीघाट में सुगम आवागमन के लिए तिलहरी से भटौली रोड के चौड़ीकरण का सुझाव दिया. कलेक्टर डॉक्टर इलैयाराजा टी ने रोहाणी के इस सुझाव पर नगर निगम को इसकी विस्तृत कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए. 


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