Satna News: सतना में दोबारा रिश्वत लेते पकड़े जाने से पहले भाग निकला सरकारी बाबू, तलाश में जुटी पुलिस
सतना में रिश्वतखोर बाबू को लोकायुक्त टीम रंगेहाथों पकड़ने के लिए पहुंची थी. इससे पहले कि लोकायुक्त की टीम उसे दबोच पाती वो आनन-फानन में तहसील कार्यालय की दीवार फांदकर फरार हो गया.
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के सतना (Satna) जिले की मैहर तहसील में रिश्वतखोर बाबू और लोकायुक्त टीम के बीच बुधवार को चूहे-बिल्ली का खेल हुआ. तहसीलदार का रीडर रिश्वत की रकम लेने के बावजूद लोकायुक्त की गिरफ्त में आने से बच गया. गौरतलब है कि तीन साल पहले भी उसे पांच हजार रुपये की रिश्वत लेते पकड़ा गया था लेकिन वो इस बार गिरफ्त में आने से पहले ही कार्यालय की दीवार फांदकर फरार हो गया.
डेढ़ हजार की मांगी थी रिश्वत
दरअसल, लोकायुक्त पुलिस रीवा की टीम ने सतना निवासी नारायण सोनी की शिकायत के बाद मैहर तहसीलदार के रीडर विनोद कुमार गुप्ता को रंगेहाथ पकड़ने की योजना बनाई. लोकायुक्त की टीम मैहर पहुंची और यहां तहसील कार्यालय में दोपहर करीब 2 बजे आरोपी ने शिकायतकर्ता से जैसे ही रिश्वत के डेढ़ हजार रुपये लिए उसे कुछ शंका हुई. इससे पहले कि लोकायुक्त की टीम उसे दबोच पाती वो आनन-फानन में तहसील कार्यालय की दीवार फांदकर फरार हो गया. रीडर को पकड़ने के लिए लोकायुक्त निरीक्षक प्रमेंद्र कुमार के नेतृत्व में टीम बनाई गई थी.
स्थानीय पुलिस से मांगी मदद
दीवार फांदकर भागे आरोपी को पकड़ने के लिए लोकायुक्त टीम के सदस्यों ने खूब दौड़ लगाई लेकिन वो हाथ नहीं लगा. बाद में फरार आरोपी को पकड़ने के लिए लोकायुक्त ने मैहर पुलिस से मदद मांगी. इस घटना के बाद एक सवाल उठ रहा है कि आखिर जिस व्यक्ति को तीन साल पहले रिश्वत लेते पकड़ा गया वो अब भी मलाईदार कुर्सी पर कैसे जमा हुआ था. हालांकि, जानकारी के अनुसार पूर्व के प्रकरण में लोकायुक्त पुलिस जल्द ही चालान पेश करने वाली है.
पन्ना में इंजीनियर को 7 लाख की रिश्वत लेते पकड़ा
वहीं रिश्वतखोरी के का एक और मामला पन्ना जिले का है. बुधवार को लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री कार्यालय में 7 लाख रुपये की रिश्वत लेते उपयंत्री को लोकायुक्त पुलिस सागर ने गिरफ्तार किया है. जानकारी के अनुसार ठेकेदार भरत मिलन पांडे से रोड निर्माण कार्य का मूल्यांकन व बकाया बिल के भुगतान के एवज में लोक निर्माण विभाग पन्ना के उपयंत्री मनोज रिछारिया द्वारा 7 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की गई थी. अपने भुगतान को लेकर परेशान ठेकेदार द्वारा इस बात की शिकायत लोकायुक्त पुलिस सागर में की गई.
शिकायत के सत्यापन के उपरांत ट्रेप की कार्यवाही के लिए लोकायुक्त पुलिस के उप पुलिस अधीक्षक राजेश खेड़ी के नेतृत्व में टीम गठित की गई. योजना के अनुसार जैसे ही बुधवार को शिकायतकर्ता ठेकेदार भरत मिलन पांडे द्वारा लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री कार्यालय इंद्रपुरी कॉलोनी पन्ना में उपयंत्री मनोज रिछारिया को 1 लाख नकद, 4 लाख व दो लाख के दो चेक की रिश्वत दी गई. तभी लोकायुक्त की टीम द्वारा मौके पर पहुंचकर उसे रंगेहाथों पकड़ लिया गया.
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