MP Suicide News: मध्य प्रदेश के सतना (Satna) जिले में 6 साल से अपनी बेटी का इलाज कराते-कराते तंग आ चुके एक लाचार पिता ने आत्महत्या कर ली. ट्रांसपोर्ट नगर के रहने वाले प्रमोद कुमार गुप्ता की बेटी अनुष्का (21 वर्ष) के दोनों पैर साल 2017 में एक सड़क हादसे में बुरी तरह जख्मी हो गए थे. इसके बाद बेटी चलने-फिरने में नाकाम होकर पूरी तरह बिस्तर पर आ गई थी. घायल बेटी के इलाज में पिता ने अपनी पूरी जमा पूंजी लगा दी. जब उसके पास इलाज के लिए एक भी पैसे नहीं बचे तो उसने ट्रेन से कटकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली.
मृतक के भाई विनोद गुप्ता ने बताया कि प्रमोद गुप्ता सोमवार रात घर से निकले तो फिर वापस लौटकर नहीं आए. परिजन उन्हें लगातार फोन लगाते रहे, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया. वहीं मंगलवार को तड़के करीब साढ़े 4 बजे उन्होंने बेटी अनुष्का को फोन कर कहा कि, "अब मैं थक चुका हूं, तुम्हारा इलाज नहीं करा सकता. आत्महत्या करने जा रहा हूं.” बेटी अनुष्का ने पिता के दोस्तों को फोन लगाया, लेकिन उनकी कोई खोज-खबर नहीं मिली.इसके बाद सुबह 8 बजे पता चला कि प्रमोद ने ट्रेन के सामने कूदकर खुदकुशी कर ली. घटना के बाद से परिवार में कोहराम मचा हुआ है. अनुष्का के अलावा प्रमोद गुप्ता के दो बच्चे उदय (18 वर्ष) और रैना (12 वर्ष) हैं.
बेटी के इलाज में बिक गई पूरी जायदाद
सतना डीएसपी ख्याति मिश्रा ने बताया कि प्रमोद गुप्ता घर से सुबह 4 बजे दुकान पर जाने के लिए निकले थे. जब सुबह 8-9 बजे फोन नहीं लगा तो घर वालों ने इन्हें ढूंढना शुरू किया. तब इन्हें आत्महत्या की जानकारी मिली. पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है. दरअसल, अनुष्का और भाई उदय सड़क हादसे का शिकार हुए थे.
दोनों की जान बच गई, मगर अनुष्का की रीढ़ की हड्डी टूटने से वह विकलांग हो गई. पिता ने उसके इलाज के लिए पूरी जमा पूंजी खर्च कर दी. कर्ज लिए और जमीन जायदाद तक बेच दी, लेकिन अंत में हार मान कर मौत को गले लगा लिया.