Satna News: जम्मू के सुंजवा में आतंकी हमले में शहीद हुए मध्य प्रदेश के सतना जिले के वीर सपूत शंकर प्रसाद पटेल का पार्थिव शरीर शनिवार शाम तक उनके गांव पहुंचेगा. प्रशासनिक सूत्रों ने बताया कि दिल्ली से विशेष विमान से पार्थिव शरीर सतना लाया जाएगा. वहां से शव को सड़क मार्ग से उनके गृह ग्राम नौगांव लाया जाएगा. सीआईएसएफ (CISF) में एएसआई (ASI) के पद पर तैनात शहीद शंकर प्रसाद पटेल को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी.


शुक्रवार सुबह आतंकी हमले में हुए थे शहीद


मैहर विधानसभा क्षेत्र के नौगांव निवासी शंकर सिंह पटेल जम्मू में शुक्रवार सुबह 4.30 पर आतंकी हमले में शहीद हो गए थे. बताया गया है कि जम्मू में प्रधानमंत्री के दौरे के 2 दिन पूर्व सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सुबह 4:00 बजे शिफ्ट बदली जा रही थी. सीआईएसएफ का एक वाहन 15 जवानों को एक स्थान से दूसरे स्थान लेकर जा रहा था,उसी वक्त आतंकवादियों ने हमला कर दिया  इस हमले में सतना जिले के मैहर निवासी वीर सपूत शंकर प्रसाद पटेल शहीद हो गए. जानकारी के मुताबिक आतंकवादियों ने ग्रेनेड से हमला किया था, जिसमें 14 जवान घायल हुए हैं. मौके पर ही सतना के जवान शंकर प्रसाद पटेल शहीद हो गए.


नौगवा पहुंचाया जाएगा पार्थिव शरीर


जिला कलेक्टर अनुराग वर्मा ने बताया कि शनिवार को शहीद शंकर प्रसाद पटेल का पार्थिव शरीर उनके गृह ग्राम नौगवा पहुंचने की उम्मीद है. शहादत की खबर सुनकर शहीद के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. वही देश के लिए सबसे बड़े बलिदान को लेकर पूरे इलाके के लोगों को गर्व भी हो रहा है. गम में डूबे परिजनों को सांत्वना देने के लिए स्थानीय लोग एवं जनप्रतिनिधि उनके घर पहुंच रहे हैं.


जिला प्रशासन के आला अधिकारियों ने भी उनके परिवार से मुलाकात की है. उनके अंतिम दर्शन और अंतिम विदाई की तैयारी में प्रशासन जुटा हुआ है.जैसे ही उनकी पार्थिव देह गृह ग्राम पहुंचेगा,उन्हें पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी.


2024 में सेवानिवृत्त होने वाले थे


नौगांव निवासी शहीद शंकर प्रसाद का जन्मदिन 19 दिसंबर है. 2021 में इसी दिन उनका प्रमोशन सीआईएसएफ (CISF) के प्रधान आरक्षक से सहायक उपनिरीक्षक (ASI) के पद पर हुआ था, तब वे छुट्टी पर गांव आए थे. उनके छोटे बेटे सुरेंद्न्द्रर का भी जन्मदिन 19 दिसंबर ही है. लिहाजा बेटे और अपने जन्मदिन समेत प्रमोशन की खुशी परिवार के साथ केक काटकर मनाई थी.


शहीद शंकर प्रसाद की कंपनी 18 अप्रैल को ही छत्तीसगढ़ से जम्मू भेजी गई थी. वहां 20 तारीख को उन्होंने ड्यूटी ज्वॉइन की थी. पटेल 2024 में सेवानिवृत्त होने वाले थे. शहीद के भाई शरद पटेल के मुताबिक शंकर प्रसाद अक्सर रात को पत्नी और बेटों से फोन पर बात किया करते थे. उन्होंने 21 अप्रैल की रात भी गांव में पत्नी लक्ष्मी और नागपुर में रह रहे बेटे सुरेंद्र से फोन पर बात कर दोनों का ही हाल-चाल लिया था. मगर तीनों में से किसी को भी इस बात का जरा भी अंदेशा नहीं था कि अगली सुबह उनके जीवन में दुखों का पहाड़ टूटने वाला है.


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