Satpura Bhawa News: प्रदेश सरकार द्वारा आमजनों के हित में चलाई जाने वाली योजनाएं, प्रदेश भर में होने वाले विकास सहित सरकारी कामकाज की जिम्मेदारी संभालने वाला राजधानी भोपाल स्थित सतपुड़ा भवन स्वयं बेबस स्थिति में नजर आता है. बीते साल 2023 में यह भवन आग की चपेट में आ गया था, तो अब बारिश के पानी से परेशान हैं. दरअसल, सतपुड़ा भवन में स्थित कार्यालयों में बारिश का पानी नहीं टपके इसके लिए सतपुड़ा भवन को पॉलीथिन (पन्नियों) से कवर किया गया है.



राजधानी भोपाल स्थित मंत्रालय भवन के दाहिनी और अरेरा पहाडिय़ों पर सतपुड़ा भवन का निर्माण कराया गया था. इस भवन का निर्माण वर्ष 1982 में 461.61 लाख रुपए की लागत से बनाया गया था. इस भवन में सतपुड़ा भवन में बेसमेंट, ग्राउंड फ्लोर के साथ छह फ्लोर हैं. इस भवन में 20 विभागों के विभागाध्यक्षों के कार्यालय हैं.

10 विभाग होते हैं संचालित
भवन में जनजातीय कार्य, स्वास्थ्य, वन, मुख्यमंत्री निगरानी प्रकरण, लोक शिकायत एवं राष्ट्रीय सूचना प्रणाली जैसे विभाग संचालित होते हैं. इस भवन में करीब 1500 कर्मचारी सतपुड़ा भवन में बैठते हैं, इसमें ऊर्जा, जनजातीय कार्य और तकनीकी शिक्षा जैसे 10 विभाग संचालित होते हैं.

आगजनी से आया था चर्चाओं में
सतपुड़ा भवन में पिछले साल 2023 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आग लग गई थी. इस आग पर 20 घंटे में काबू पाया जा सका था. आग तीसरी, चौथी, पांचवी और छठी मंजिल के दफ्तर में लग गई थी. इस आगजनी में जरुरी फाइलें जलकर खाक हो गई थी. इस आगजनी के बाद प्रदेश की सियासत भी जमकर गरमाई थी.

अब पन्नियों का सहारा
आगजनी के बाद अब बारिश में एक बार फिर से सतपुड़ा भवन में चर्चाओं में आ गया है. दरअसल, बारिश का दौर जारी है, ऐसे में सतपुड़ा भवन में स्थित दफ्तरों में पानी नहीं टपके इसके लिए पूरे सतपुड़ा भवन को पन्नियों से कवर किया गया है. काफी पुराने हो चले सतपुड़ा भवन की मरम्मत को लेकर यहां कार्यरत कर्मचारी भी बार-बार मरम्मत की मांग करते रहे हैं. अब एक बार फिर से मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच के अध्यक्ष अशोक पांडे ने सरकार, पीडब्ल्यूडी से सतपुड़ा भवन के तत्काल मेंटेनेंस की मांग की है.


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