MP News: पुलवामा पर सत्यपाल मलिक के बयान पर दिग्विजय सिंह बोले- 'विपक्ष भी चाहता है कि...'
MP Politics: मध्यप्रदेश में इसी साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक की ओर से उठाए गए पुलवामा मुद्दे को लेकर एक बड़ा बयान दिया है.
MP News : पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के मामले में बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि मलिक के मामले में पूरा विपक्ष एकजुट है और उनके द्वारा लगाए जा रहे आरोपों की जांच होनी चाहिए. यह भी पता लगाया जाना चाहिए कि किसकी वजह से पुलवामा में 40 जवानों की शहादत हुई ?
सत्यपाल मलिक मामले में पूरा विपक्ष एकजुट : दिग्विजय सिंह
उल्लेखनीय की पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने पुलवामा हमले को लेकर सवाल खड़े करते हुए कांग्रेस को बीजेपी पर निशाना साधने का मौका दे दिया है. अब पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सत्यपाल मलिक के बयान को लेकर अपनी ओर से भी कई सवाल खड़े कर दिए हैं. उन्होंने कहा है कि सत्यपाल मलिक के मामले में पूरा विपक्ष एकजुट है. विपक्ष भी चाहता है कि सत्यपाल मलिक की ओर से उठाए गए सवालों की छानबीन होनी चाहिए. पुलवामा में 40 जवानों की शहादत किसकी गलती से हुई ? इस बात की जांच होनी चाहिए. इसी साल मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव है. ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ही नहीं बल्कि देश की मोदी सरकार पर भी निशाना साध रहे हैं.
मंदसौर में कहा कि व्यापारी विधायक ने छोड़ दी कांग्रेस
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मंदसौर की सुवासरा विधानसभा सीट से शिवराज सरकार के मंत्री हरदीप सिंह डंग पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि सुवासरा सीट से व्यापारी विधायक हरदीप सिंह डंग ने भी 2020 में कांग्रेस छोड़ दी थी. गौरतलब है कि हरदीप सिंह डंग लगातार दो बार कांग्रेस से चुनकर आए थे. हरदीप सिंह डंग पहले ऐसे कांग्रेस के विधायक थे, जिन्होंने कमलनाथ सरकार के खिलाफ सबसे पहले बिगुल फूंका था, जिसके बाद धीरे-धीरे यह चिंगारी ज्वालामुखी में बदल गई और कमलनाथ की सरकार गिर गई.
'राजा- महाराजा और जमींदार बिक गए'
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा कि मध्यप्रदेश में अनुसूचित जाति जनजाति के गरीब विधायकों ने कांग्रेस का दामन नहीं छोड़ा. 2020 में 114 विधायक कांग्रेस के साथ थे. इनमें से केवल 20 विधायकों ने कांग्रेस के साथ दगाबाजी की. इनमें राजा- महाराजा और व्यापारी जमींदार सब थे. जब उनसे पूछा गया कि आप कमलनाथ सरकार गिरने को लेकर किसे दोषी मानते हैं तो उन्होंने पैसे को जिम्मेदार बताया. उन्होंने कहा कि नोट की खातिर जमींदारों ने वोट का सौदा कर दिया.
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