MP News: भोपाल के जंगल में खड़ी एक कार से 50 किलो सोना और करोड़ों की नगद राशि बरामद की गई थी जिसमें पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा का नाम आया है. इस मुद्दे पर पूर्व सीएम और कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने सरकार को घेरा है. उन्होंने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मध्य प्रदेश के इतिहास में भ्रष्टाचार का इतना बड़ा उदाहरण देखने को नहीं मिला. जंगल में खड़ी कार से 50 किलो सोना और 11 करोड़ रुपए पाए गए. दिग्विजय सिंह ने मांग की कि हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस की निगरानी में इसकी जांच हो.
दिग्विजय सिंह ने कहा कि सौरभ शर्मा जो एक साधारण सिपाही हैं. क्या ये सारी संपत्ति सौरभ शर्मा की है? ये एक जांच का विषय है. मध्य प्रदेश पुलिस ने इसे दबाने का प्रयास किया. हालांकि लोकायुक्त और IT ने इसे जब्त किया है. अगर IT सामने नहीं आती तो शायद ये कार्यवाई नहीं हो पाती. हो सकता है कि मेरी जानकारी ग़लत भी हो.
वसूली करने वालों की परिवहन विभाग में नियुक्ति - दिग्विजय
उन्होंने आगे कहा, "जब कमलनाथ की सरकार बनी तब इतना दबाव था कमलनाथ जी पर कि परिवहन विभाग गोविंद राजपूत को दिया जाए. इसके बाद एक बोर्ड बनाया गया. ये तो ज्योतिरादित्य सिंधिया जी बताएंगे. जैसे ही सरकार गिरी और शिवराज सिंह चौहान सीएम बने, सिंधिया जी ने दबाव डाल कर बोर्ड को खत्म किया. शिवराज सिंह चौहान ने इसे खत्म किया. फिर ठेका प्रणाली शुरू हो गई . जो सबसे ज़्यादा वसूली करेगा उसकी नियुक्ति गोविंद राजपूत द्वारा हो जाती थी.''
पूर्व सीएम ने आगे कहा, ''सौरभ शर्मा के साथ संजय श्रीवास्तव, वीरेश, दर्शन सिंह पटेल का नाम आया है. ये लोग नीलामी करके वसूली करते थे .इन लोगों की जांच करें तो मनी ट्रेल पता चल जाएगी. मनोज परमार के घर तो ED पहुंच गई लेकिन अब ED इसे संज्ञान में नहीं लेगा? शिवराज सिंह चौहान ने 20 वर्ष में किसी पर भ्रष्टाचार का केस चलाया हो तो बता दीजिए. सौरभ शर्मा आज कल दुबई में है. दुबई ऐसा केंद्र है जहां इन्वेस्टमेंट होता है. पता लगाना चाहिए कि पैसा कहां से आया ? किसका है ? जांच किसी वरिष्ठ की देखरेख में नहीं हुआ तो दबा दिया जाएगा. मध्य प्रदेश के चीफ जस्टिस की निगरानी में ये जांच होनी चाहिए.''
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