'धनकुबेर' सौरभ शर्मा विवाद में MP सरकार का बड़ा एक्शन, इस अधिकारी को हटाया गया
Saurabh Sharma Controversy: भोपाल में पूर्व आरटीओ कांस्टेबल सौरभ शर्मा के मामले में एमपी सरकार ने गुरुवार को बड़ा एक्शन लिया है. परिवहन आयुक्त रहे DP गुप्ता को वापस पुलिस मुख्यालय बुलाया गया है.
MP News: भोपाल में परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के घर हुई छापामारी कार्रवाई के बीच सरकार ने परिवहन विभाग की आयुक्त को हटा दिया है. उनके स्थान पर अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक विवेक शर्मा को परिवहन आयुक्त की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के यहां छापामारी कार्रवाई में करोड़ों रुपये की चल अचल संपत्ति और सोना जब्त होने के बाद विपक्ष सरकार को घेर रही है. दूसरी तरफ सरकार भी एक्शन मोड में आ गई है.
मध्य प्रदेश शासन के गृह विभाग के सचिव ओम प्रकाश श्रीवास्तव की ओर से आदेश जारी करते हुए बताया गया कि परिवहन विभाग की आयुक्त डीपी गुप्ता को हटा दिया गया है. उन्हें अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, पुलिस मुख्यालय, भोपाल बनाकर परिवहन विभाग की सेवाएं वापस ले ली गई है. उनके स्थान पर आईपीएस अधिकारी विवेक शर्मा को परिवहन आयुक्त बनाया गया है. हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि किस कारण से परिवहन आयुक्त को हटाया गया है, मगर वर्तमान स्थिति में चल रहे सभी मामलों को इससे जोड़कर देखा जा रहा है.
परिवहन विभाग की चौकियों पर भी शिकायत
परिवहन विभाग की चौकियों पर भी वसूली की शिकायत सामने आ रही थी. यह भी एक प्रमुख कारण माना जा रहा है. हालांकि मुख्यमंत्री बनने के बाद डॉ मोहन यादव ने परिवहन विभाग की उन चौकियों को हमेशा के लिए बंद कर दिया, जिन पर अवैध वसूली की शिकायतें सामने आती थी. सरकार ने कुछ चेक प्वाइंट शुरू किए हैं.
सौरभ शर्मा के ठिकानों से बड़ी तादाद में नकदी और चांदी बरामद
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों आयकर विभाग और लोकायुक्त की कार्रवाई में सौरभ शर्मा के ठिकानों से बड़ी तादाद में नकदी और चांदी बरामद हुई थी. इतना ही नहीं, एक कार से 54 किलोग्राम सोना और 10 करोड रुपये मिले थे. उसके बाद से सौरभ शर्मा और उसकी पत्नी की पुलिस लगातार तलाश में है. उनका अब तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है.
सौरभ शर्मा के करोड़पति होने का खुलासा होने के बाद राज्य की सियासत में भी हलचल है. ऐसा इसलिए क्योंकि उसे कई राजनेताओं का करीबी बताया जा रहा है और परिवहन विभाग में वह कांस्टेबल रहा है. कहा तो यहां तक जाता है कि पूरा विभाग ही उसकी मर्जी से चला करता था. परिवहन विभाग में तबादलों से लेकर परिवहन चैकियों पर नियुक्ति तक की कमान सौरभ शर्मा के हाथ हुआ करती थी.
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